नेताओं का खुला पत्र- ‘परिवार मोह से ऊपर उठें सोनिया’
लखनऊ, 6 सितंबर, दस्तक टाइम्स: कांग्रेस में असंतुष्ट व बर्खास्त नेताओं द्वारा कांग्रेस आलाकमान को पत्र लिखकर पार्टी की कमियों को उजागर करने का सिलसिला जारी है। ऐसे ही एक पत्र ने कांग्रेस में भूचाल मचा दिया है। इस बार एक ऐसा ही पत्र उत्तर प्रदेश से पार्टी के बर्खास्त नेताओं द्वारा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्षा सोनिया गांधी को लिखा गया है। इन नेताओं ने सोनिया गांधी से अपील की है कि वह ‘परिवार की मोह से ऊपर उठें’। इस पत्र पर पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व विधान परिषद सदस्य सिराज मेंहदी, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक विनोद चौधरी, राजेन्द्र सिंह सोलंकी, मधुर नारायण मिश्रा, नेकचन्द्र पाण्डेय, युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वयं प्रकाश गोस्वामी व प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महामंत्री संजीव सिंह के हस्ताक्षर हैं।
इन नेताओं ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्षा सोनिया गांधी को लिखित पत्र में कहा है कि कांग्रेस पार्टी को कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित करते हुए चलाया जाना चाहिए। इन नेताओं का मानना है कि अगर शीघ्र ही पार्टी में आन्तरिक लोकतंत्र को बहाल नहीं किया गया, तो पार्टी और रसातल में चली जाएगी।
पार्टी से निष्कासित इन नेताओं ने इससे पूर्व भी सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि कांग्रेस का कार्यकर्ता कभी भी निराश व हताश नहीं रहा जितना वह आज अपने को महसूस कर रहा है। इन नेताओं ने कहा कि 1977 में मिली असफलताओं को कांग्रेस ने इन्हीं कार्यकर्ताओं के भरोसे 1980 में सफलताओं में बदल दिया था, हालांकि इसी पत्र के लिखे जाने के बाद इन नेताओं को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था।
इन नेताओं ने अपने पत्र में लिखा कि पार्टी मुख्यालयों पर आर्थिक पैकेज पर आए ऐसे लोग बिठा दिये गये हैं जो कांग्रेस के प्रारम्भिक सदस्य भी नहीं है और जो न कांग्रेस को जानते हैं और न ही कांग्रेसजन उन्हें। किन्तु यही लोग पार्टी की दशा और दिशा का निर्धारण कर रहे हैं और यही लोग 1977 से 1980 के कांग्रेस के संघर्ष के कठिन दिनों से संघर्षरत विगत चार दशकों से संगठन में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों के दायित्व का निर्वहन तथा लोकसभा और विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले पार्टी के समर्पित निष्ठावान वरिष्ठ नेताओं की सत्यनिष्ठा की समीक्षा कर रहे हैं और उन्हें सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
इन नेताओं ने इस पत्र में लिखा है कि आज कांग्रेस पार्टी संवादहीनता, अनिर्णय और आन्तरिक लोकतंत्र के अभाव के कारण अपने वजूद के संकट से जूझ रही है। कांग्रेस आलाकमान को या तो इसकी जानकारी नहीं है या आलाकमान ने सबकुछ जानते हुए अपनी आंखें मूंद ली है। इन नेताओं का मानना है कि पार्टी की इस स्थिति को आलाकमान से भी छिपाया जा रहा है और घटनाएं उनके संज्ञान में नहीं लायी जा रही हैं। इन नेताओं ने अपने पत्र में लिखा है कि एक वर्ष बीत जाने के बाद भी आपने (सोनिया गांधी) अपने एआइसीसी के अनुभवी सदस्यों को मिलने का समय नहीं दिया है और न ही उनके द्वारा उठाये गये प्रश्नों का कोई समाधान किया है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच संवाद स्थापित कर संगठन को चलायें, तभी संगठन मजबूत बन सकता है, वर्ना कांग्रेस इतिहास की वस्तु बन जाएगी।