सवा साल बाद राहु-केतु आज कर रहे राशि परिवर्तन
ज्योतिष : शास्त्रों के अनुसार सवा साल बाद दो छाया ग्रह राहु और केतु 23 सितंबर को अपनी राशि बदलेंगे। शनि ग्रह भी छह दिन बाद 29 सितंबर से मार्गी यानी उल्टी चाल चलेंगे। इसके पूर्व 12 सितंबर को गुरु भी मार्गी हो चुके हैं। ज्योतिषियों के अनुसार इस महीने चार ग्रहों के राशि परिवर्तन से सभी 12 राशियों के जातकों पर प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा देश और प्रदेश की राजनीति में भी उठापटक देखने को मिल सकती है। हालांकि व्यापार में अनुकूलता आएगी, इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राहु वृषभ तथा केतु वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे।
शनि के बाद राहु-केतु ही ऐसे ग्रह हैं, जो एक राशि में 18 महीने तक रहते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु राजनीति को प्रभावित करने वाला ग्रह है, इसलिए राशि परिवर्तन का असर निश्चित तौर पर देश व प्रदेश की राजनीति पर दिखाई देगा। राहु ग्रह हमेशा वक्री चाल से चलता है। इनकी चाल पीछे की होती है। जैसे राहु मिथुन से वृषभ राशि में वक्री होकर अगले 18 महीने तक इसी राशि में भ्रमण करेंगे। राहु का वृषभ राशि में और केतु का वृश्चिक राशि में प्रवेश हो रहा है। वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं और यह राहु के साथ मित्रवत व्यवहार रखते हैं। ज्योतिषी के अनुसार राहु को अशुभ ग्रह माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार दिनभर में एक समय ऐसा आता है, जब राहु का प्रभाव सबसे अधिक होता है।
ज्योतिष में इस समयावधि को अशुभ माना जाता है। इस अशुभ समय में किसी भी तरह के शुभ कार्य का शुभारंभ नहीं किया जाता है। इसे ही राहुकाल कहते हैं। इस राहुकाल का समय करीब डेढ़ घंटे का होता है।
मेष : आकस्मिक धनलाभ, पारिवारिक कष्ट संभव।
वृषभ : कामकाज में उदासीनता, राजनीतिक व्यक्तियों को लाभ।
मिथुन : यात्रा का योग, व्यापार में अनुकूलता।
कर्क : व्यापार में लाभ, मान-सम्मान बढ़ेगा।
सिंह : सामाजिक व राजनीतिक लाभ, आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
कन्या : धन लाभ, राजनीति में सफलता।
तुला : समस्याएं रह सकती हैं, जोखिम न उठाएं।
वृश्चिक : व्यापार में सफलता, बाधाएं रहेंगी।
धनु : शारीरिक क्षमता बढ़ेगी, व्यापार में बढ़ोतरी होगी।
मकर : धन में वृद्घि, कार्य में सफलता।
कुंभ : कार्यों में स्थिरता, स्थान परिवर्तन के योग।
मीन : दोस्तों से लाभ, आत्मविश्वास बढ़ेगा।