दस्तक टाइम्स/एजेंसी: नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर सरकार के लिए हुरियत कांफ्रेंस के नेता सईद अली शाह गिलानी का ‘मिलियन मार्च’ गले की फांस बन गया है। उसी दिन कश्मीर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंच रहे है और एक जनसभा मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के साथ करने का कार्यक्रम भी है। आशंका है कि मार्च रोकने के लिए अगर ज्यादा पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया तो उस दिन हालात बिगड़ सकते हैं।
सात नवंबर को माहौल बिगड़ने की आशंका
वैसे पुलिस ने एहतियात बरतते हुए कट्टरपंथी गिलानी सहित यासीन मलिक और शब्बीर शाह के अलावा कई और नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को ये डर भी सता रहा है कि उसने गिलानी सहित तमाम बड़े अलगाववादी नेताओं को तो गिरफ्तार कर लिया है लेकिन 7 नवंबर को माहौल बिगड़ने की पूरी आशंका है। इसकी वजह यह है कि आज तक कश्मीर में जब भी गिलानी ने बंद का एलान किया है, वह विफल नही हुआ है। जब-जब सुरक्षा बलों ने इसे नाकाम बनाने की कोशिश की तो जमकर पत्थरबाजी और हिंसा हुई।
सीएम सईद ने की शांति बनाए रखने की अपील
मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने खुद लोगों से अपील की है कि उस दिन शांति बनाए रखें और प्रधानमंत्री कश्मीर के लिए कुछ बड़ा एलान कर सकते हैं। वैसे गिलानी के ‘मिलियन मार्च’ से पहले हुर्रियत के उदारवादी गुट के नेता मौलवी उमर फारुक ने 6 नवंबर को सहानुभूति दिवस रैली का भी एलान किया है। लिहाजा 7 नवंबर को दोनों पक्ष आमने-सामने होंगे।