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शाहीन बाग जैसी सार्वजनिक जगहों पर घेराव ठीक नहीं : उच्चतम न्यायालय

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शन को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि पब्लिक प्लेसेज पर लंबे समय तक प्रदर्शन नहीं किए जा सकते। एक तय जगह पर ही धरने होने चाहिए। मामला दिल्ली के शाहीन बाग प्रदर्शन से जुड़ा है। वहां पर तीन महीने से ज्यादा समय तक सड़क रोककर प्रदर्शन होता रहा था। इससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई थी। इसलिए, पिटीशनर ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शनों पर रोक लगनी चाहिए।

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शाहीन बाग को खाली करवाने के लिए दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी। ऐसे मामलों में अफसरों को खुद एक्शन लेना चाहिए, वे अदालतों के पीछे नहीं छिप सकते। कोर्ट ने पहले कहा था- विरोध के अधिकार और मूवमेंट के अधिकार में बैलेंस होना चाहिए।

वकील अमित साहनी ने इस मामले में पिटीशन फाइल की थी। कोर्ट ने 21 सितंबर को फैसला रिजर्व रख लिया था। अदालत ने उस दिन कहा था कि विरोध के अधिकार और जनता के मूवमेंट के अधिकार के बीच बैलेंस होना चाहिए। संसदीय लोकतंत्र में सभी को विरोध का अधिकार है, लेकिन क्या लंबे समय तक कोई सार्वजनिक सड़क जाम की जा सकती है।

दिल्ली के शाहीन बाग में 14 दिसंबर से सीएए CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शन शुरू हुआ था जो 3 महीने से ज्यादा चला। सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को सीनियर वकील संजय हेगडे और साधना रामचंद्रन को जिम्मेदारी दी कि प्रदर्शनकारियों से बात कर कोई समाधान निकालें, लेकिन कई राउंड की चर्चा के बाद भी बात नहीं बन पाई थी।

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