हिस्ट्रीशीटर राम सिंह ने गुपचुप तरीके से कोर्ट में पहुंच कर समर्पण किया
लखनऊ: लखनऊ के पीजीआई कोतवाली के हिस्ट्रीशीटर राम सिंह यादव ने आज धोखाधड़ी के मामले में गुपचुप तरीके से कोर्ट में पहुंच कर समर्पण कर दिया है।
जानकारी के अनुसार हिस्ट्रीशीटर राम सिंह यादव गैंगस्टर के मामले में वह फरार चल रहा था और आठ अक्तूबर को ही पुलिस ने उसकी 83 करोड़ रुपये की सम्पत्ति कुर्क कर दी थी। इसके बाद उस पर 50 हजार रुपये इनाम करने की संस्तुति की गई थी।
इस पर ही वह दबाव में आ गया और गुपचुप कोर्ट में हाजिर हो गया। उसकी कई अवैध सम्पत्तियों की जांच चल रही है।
राम सिंह यादव के खिलाफ पहले ही मोहनलालगंज, पीजीआई कोतवाली में हत्या, लूट व रेप जैसे 25 मुकदमे दर्ज हैं। सपा सरकार में उसके कई बड़ों से रिश्ते थे। इस पहुंच का फायदा उठाकर ही उसने आवास विकास परिषद की कई जमीनों पर भी कब्जा कर लिया था।
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पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय के आदेश पर एसीपी कैंट बीनू सिंह ने कई मामलों की जांच शुरू की थी। इसी कड़ी में गैंगस्टर एक्ट की 14 (1) की धारा के तहत मकान, प्लॉट और लग्जरी गाड़ियां कुर्क कर दी गई थी।
राम सिंह के गैंगस्टर में फरार होने पर 25 हजार रुपये इनाम घोषित किया गया था। जब उसकी तलाश में पुलिस ने कई जगह दबिश दी और वह हाथ नहीं आया तो एसीपी ने 50 हजार रुपये इनाम करने की संस्तुति कर दी थी।
एसीपी का कहना है कि इससे ही राम सिंह यादव दबाव में आ गया। वह काफी दिन तक अपने एक आका के यहां छिपा रहा। दो दिन पहले उसके आका ने भी और शरण देने से मना किया तो उसने समर्पण कर दिया।