देश-दुनिया को लुभा रहा बनारस का सिल्क, ODOP के तहत काशी का व्यापार भरने लगा उड़ान
ODOP के तहत 216 करोड़ के सिल्क उत्पादों का हुआ निर्यात
कोरोना काल में विदेशों में बढ़ी 75 प्रतिशत सिल्क की मांग
यहीं से शुरू जिन्दगी, यहीं पर मोक्ष पाना है
गंगा किनारे शिव की काशी, यही अपना ठिकाना है…
लखनऊ, 20 अक्टूबर, दस्तक टाइम्स : काशी विश्वनाथ कि पावन भूमि पर ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना के तहत रोजगार नई उड़ान भर रहा है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 2018 में ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ को लांच किया जिसके बाद बनारस में व्यापार के दिनों में सकारात्मक दिशा में बदलाव होने लगे। रेशम की कोमल डोर को जब इस योजना का मजबूत साथ मिला तो देश के साथ विदेशों में भी सिल्क की साड़ी की मांग बढ़ने लगी। स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने वाली इस योजना के तहत आज वाराणसी के सिल्क कारोबार से जुड़े बुनकर, निर्यातक, कारोबारी को सरकार सब्सिडी के साथ लोन उपलब्ध करा रही है जिससे प्रचार-प्रसार साथ ही देश विदेशों में सिल्क की मांग में इजाफा हुआ है।
विदेशों में 75 प्रतिशत सिल्क की साड़ियों की मांग बढ़ी
रेशम उत्पाद से जुड़ी महिला व्यापारी शैलजा अरोड़ा ने बताया कि कोरोना काल में इस योजना के तहत व्यापारियों को मजबूती मिली। कोरोना काल में विदेशों में बनारसी सिल्क की 75 प्रतिशत और देश में 70 प्रतिशत मांग बढ़ी। उन्होंने बताया कि साल 2019 में योजना का लाभ लेते हुए लूप एजर मशीन को खरीदा। जिससे अब तीस मिनट में 200 साड़ी हम लोगों द्वारा तैयार की जा रही हैं। इससे पहले 45 मिनट में केवल 30 साड़ी ही बन पाती थी। कारोबार से लगभग 500 बनारस की महिलाओं और पुरूषों को रोजगार मिल रहा है। पिछले 15 सालों में पहली बार किसी सरकार द्वारा लागू की गई योजना से व्यापारियों को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि बनारस के मूंगा सिल्क, चंदेरी सिल्क, कतान सिल्क, दुपियन सिल्क समेत 30 से अधिक किस्मों की सिल्क के उत्पादन और मांग में तेजी से इजाफा हुआ है।
मुम्बई से मलेशिया तक सिल्क की धूम
रेशम कारोबारियों के काम को देश समेत विदेश में भी पहचान मिली है। शैलजा अरोड़ा ने बताया कि रेशम की मांग मुम्बई, चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, कलकत्ता, हैदराबाद, भागलपुर, जौनपुर, शाहजहांपुर, असम, केरल से लेकर विदेशों में कनाडा, मलेशिया, दुबई, सिंगापुर में भी सिल्क की मांग में इजाफा हुआ है।
216 करोड़ के सिल्क उत्पादों का हुआ निर्यात
सरकारी आकड़ों के 2019 के आंकड़ों के अनुसार ओडीओपी योजना से लगभग 216 करोड़ सिल्क उत्पादों का निर्यात हुआ है। योजना के शुरू होने के बाद बाजार का आकार आठ प्रतिशत और लगभग 1300 करोड़ रुपये मूल्य बढ़ गया है। ओडीओपी मार्जिन मनी योजना के तहत लगभग 20 करोड़ रुपये का ऋण किया गया है। प्रशिक्षण और टूलकिट योजना के तहत 450 बुनकर को टूलकिट और प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। बता दें कि ओडीओपी एमडीए योजना के जरिए कारीगरों को किसी भी राज्य, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय मेले में भाग लेने के लिए प्रतिपूर्ति की जा रही है। हाल ही में सीएम ने एक कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) की आधारशिला रखी, जो स्क्रीन प्रिंटिंग और सीएफसी से जुड़े बुनकरों को डिजिटल प्रिंटिंग की अग्रिम तकनीक प्रदान करेगा।
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