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अक्टूबर महीने में दो पूर्णिमा पर बना अद्भुत संयोग, पूरे यौवन पर होता है चंद्रमा

ज्योतिष : इस माह यानि अक्टूबर 2020 में पहली पूर्णिमा एक अक्टूबर को थी और दूसरी मास के अंत में यानी 30 को है। सभी पूर्णिमाओं में शरद पूर्णिमा का महत्व सबसे अधिक माना गया है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपने पूरे यौवन में होता है। एक महीने में दो पूर्णिमा का संयोग अधिक मास के कारण बना है।

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हिंदी पंचांग के अनुसार, जिस वर्ष एक अतिरिक्त माह होता है, उस वर्ष ऐसा संयोग बनता है। एक अक्टूबर को जो पूर्णिमा पड़ी थी, वह अश्विन अधिक मास की पूर्णिमा थी, जबकि शनिवार को पड़ने वाली अश्विन शुद्ध मास की है।

शरद पूर्णिमा का महत्व बहुत अधिक होता है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं वाला यानी पूरी शक्ति वाला और पृथ्वी के सबसे अधिक नजदीक होता है। इसका मानव शरीर पर अच्छा असर पड़ता है।
सबसे करीब होता है चंद्रमा : एक ही महीने में जब दो पूर्णिमा पड़ती है तो दूसरी पूर्णिमा को ब्लू मून भी कहा जाता है। पूर्णिमा पर पूरा चंद्रमा निकलता है।

शरद पूर्णिमा पर इसकी रोशनी सबसे अधिक लगती है, क्योंकि इस पूर्णिमा पर यह पृथ्वी के सबसे करीब होता है। ज्यादातर क्षेत्रों में आज कोजागरी लक्ष्मी पूजा की जाएगी। वहीं शरद पूर्णिमा शनिवार को मनाई जाएगी। एक ही माह में दो बार पूरा चंद्रमा निकलने का संयोग 2018 में जनवरी में हुआ था। अब ऐसा संयोग 31 अगस्त 2023 को बनेगा। चंद्र मास की अवधि 29 दिन 12 घंटे 44 मिनट और 38 सेकेंड होती है।

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