शुरू होने लगी दीपोत्सव की तैयारियां: रूप चतुर्दशी और दिवाली एक ही दिन
राजस्थान: हर साल दिवाली पर मनाए जाने वाला पांच दिवसीय दीपोत्सव इस बार चार दिन ही मनाया जाएगा। कारण है रूप चौदस और दिवाली का एक ही दिन पडऩा। इसके एक दिन पहले 13 नवंबर को धनतेरस मनाई जाएगी है। 14 नवंबर को सुबह रूप चौदस (छोटी दिवाली) मनाई जाएगी जबकि शाम को बड़ी दिवाली मनाई जाएगी।
इसके बाद 15 नवंबर को रामा श्यामा और 16 नवंबर को भैया दूज मनाया जाएगा। यानी इस बार दीपोत्सव 13 नवंबर से शुरू होकर 16 नवंबर को दिवाली के साथ खत्म हो जाएगा। शहर में अब दीपोत्सव की धूम नजर आने लगी है। बाजारों में भी रौनक दिखाई देने लगी है।
कार्तिक अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी घर पर आती हैं। अमावस्या की रात को ही माता धरती पर आती हैं। इस वजह से यह त्योहार अमावस्या की रात मनाना उचित समझा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन सूर्यास्त के बाद एक घड़ी अधिक तक अमावस्या तिथि रहे उस दिन दिवाली मनाई जाती है।
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माता लक्ष्मी का पूजन 14 नवंबर को होगा। इसके पहले 13 नवंबर को प्रदोष के दिन धनतेरस मनाई जाएगी। रूप चौदस चतुर्दशी का पर्व अरूणोदय के पहले मनाया जाएगा। 14 नवंबर को महालक्ष्मी पूजन के समय स्वाति नक्षत्र और सौभाग्य योग रहेगा।
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