जैसलमेर: केन्द्रीय सत्ता में आने के बाद शनिवार को सातवां मौका रहा, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दीपोत्सव का पर्व सरहद पर तैनात जवानों के साथ मनाया है। सातों दफा प्रधानमंत्री मोदी ने सरहद पर सीमाओं के साथ देशवासियों के जान-माल की हिफाजत करने के लिए वहां तैनात जवानों की हौसला अफजाई की है। साथ ही, जवानों का मुंह मीठा करवाकर उनकी पीठ थपथपाई है। इस साल पीएम मोदी ने जैसलमेर सरहद से लगती पाकिस्तानी सीमा पर बनी लोंगेवाला पोस्ट पर दिवाली मनाकर भारतीय जवानों के हौसलों की तारीफ की है।
प्रचंड बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी को केन्द्र की सत्ता में आसीन कराने के बाद प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुए नरेन्द्र मोदी वर्ष 2014 में पहली बार दिवाली मनाने सियाचिन पहुंचे थे। यहां उन्होंने सीमाओं की रक्षा कर रहे जवानों के बीच दीपोत्सव का जश्न मनाया था। इसके अगले साल 2015 में वे अमृतसर (पंजाब) बॉर्डर पर दिवाली मनाने पहुंचे थे। वर्ष 2016 में पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश से लगते चीन बॉर्डर के पास इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के जवानों के साथ दीपोत्सव पर दीए जलाए थे। साल 2017 में मोदी ने दिवाली का जश्न जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ मनाया था।
2018 में प्रधानमंत्री मोदी दिवाली के मौके पर उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। यहां उन्होंने चीन बॉर्डर के पास हरसिल गांव के केंट इलाके में भारतीय सशस्त्र बल और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की थी। यहां उन्होंने यह कहकर देशवासियों का जीत लिया था कि बर्फीले इलाके में आपका ड्यूटी के लिए समर्पण देश को मजबूती प्रदान करता है। आपके चलते ही सवा सौ करोड़ लोगों के सपने सुरक्षित हैं।
वर्ष 2019 में मोदी जम्मू-कश्मीर के राजौरी में नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए पहुंचे थे। यहां भी उन्होंने जवानों की हौंसला अफजाई की। उन्होंने कहा था कि युद्ध हो या घुसपैठ, इस क्षेत्र को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह जगह हमेशा उन परेशानियों से निकल आती है। यह ऐसा क्षेत्र है, जिसने कभी हार नहीं देखी। इस साल प्रधानमंत्री ने पश्चिमी सीमा पर जैसलमेर के नजदीक लोंगेवाला पोस्ट पर दीपोत्सव के मौके पर भारतीय जवानों की पीठ थपथपाई है।
क्यों चुनी गई पश्चिमी सीमा की लोंगेवाला पोस्ट
भारतीय सीमा में जैसलमेर के समीप लोंगेवाला पोस्ट पर 04 से 07 दिसम्बर, 1971 के बीच 120 भारतीय जवानों ने पाकिस्तान के 2 से 3 हजार सैनिकों को पराजित किया था। पाकिस्तान की आर्टिलरी में 30 से 40 टैंक भी थे। भारत की जीत के हीरो मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी थे। चार तारीख की रात को सैकेंड लेफ्टिनेंट धरमवीर भान को पेट्रोलिंग के दौरान पाकिस्तान के टैंकों के भारतीय सीमा पर दाखिल होने की आवाज सुनाई दी थी।
इस दौरान हुई जंग में भारत ने पाक के 34 टैंक धराशायी किए। पाक के 200 सैनिक मारे गए और 500 अन्य वाहन नेस्तनाबूत कर दिए गए। इस लड़ाई पर कुछ समय बाद निर्माता-निर्देशक जेपी दत्ता ने बॉर्डर शीर्षक से फिल्म बनाई थी। इसमें सनी देओल ने मेजर कुलदीप का रोल निभाया था। यह फिल्म बॉक्सऑफिस पर सफल फिल्मों में शुमार की गई थी।
देश दुनिया की ताजातरीन सच्ची और अच्छी खबरों को जानने के लिए बनें रहेंwww.dastaktimes.orgके साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिएhttps://www.facebook.com/dastak.times.9और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @TimesDastak पर क्लिक करें।
साथ ही देश और प्रदेश की बड़ी और चुनिंदा खबरों के ‘न्यूज़-वीडियो’ आप देख सकते हैं हमारे youtube चैनलhttps://www.youtube.com/c/DastakTimes/videosपर। तो फिर बने रहियेwww.dastaktimes.orgके साथ और खुद को रखिये लेटेस्ट खबरों से अपडेटेड।