भारतीय तटरक्षक बल के पास 74 पोत हैं, 200 पोतों की दरकार
मुंबई: मुंबई हमले के 12 साल बाद भी भारतीय तटरक्षक बल के पास 74 पोत हैं जबकि तटीय सुरक्षा के लिए 200 पोतों की दरकार है। इंडियन कोस्ट गार्ड पर भारत के 7,500 किलोमीटर के समुद्र तट पर गश्त करने की जिम्मेदारी है।
कोस्ट गार्ड को पांच साल में मजबूत करने के लिए केंद्र ने 2017 में 31,748 करोड़ की मंजूरी दी थी। समुद्री सुरक्षा एजेंसियों में से एक भारतीय तटरक्षक बल ‘ध्रुव’ एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर मार्क-III वेरिएंट के पांच विमानों का पहला बैच जल्द ही मिलने वाला है।
मुंबई हमले के बाद तटीय सुरक्षा के समन्वय के लिए 15 केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ भारतीय नौसेना को नोडल एजेंसी बनाया गया था। इसके लिए मुंबई, विशाखापत्तनम, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर में चार संयुक्त ऑपरेशन केंद्र स्थापित किए गए।
नौसेना अब हवाई निगरानी और गश्त के माध्यम से समुद्र की निरंतर निगरानी कर रही है। तटीय सुरक्षा के लिए समर्पित ‘सागर प्रहरी बाल’ एजेंसी का भी गठन किया गया है, जिसमें नौसेना के कर्मियों को शामिल किया गया है।
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सागर प्रहरी बाल और सीआईएसएफ कर्मियों को भारतीय नौसेना के ओडिशा स्थित आईएनएस चिल्का में प्रशिक्षण दिया गया है। नौसेना ने गुजरात के पोरबंदर में एक मानवरहित हवाई वाहन स्क्वाड्रन का भी गठन किया है, जो पश्चिमी तट पर घुसपैठ की निगरानी करता है।
नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नेवल एयर स्टेशन कम से कम चार मिनट के भीतर एक विमान उतारने के लिए अलर्ट मोड पर रहता है। इसके अलावा कम से कम एक युद्धपोत अलर्ट मोड में 30 मिनट के भीतर किसी भी स्थिति का जवाब देने के लिए तैयार है। समुद्री तट के साथ 35 स्थानों पर विशेष कैमरे स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा गया है जिसमें विशेष रूप से प्रशिक्षित समुद्री अर्धसैनिक बल के जवान रहेंगे।
यह नाइट विजन, थर्मल कैमरा, सैटेलाइट फोन से लैस होंगे। इसके अलावा तीव्र गति से समुद्र की निगरानी के लिए रबरयुक्त नौकाओं, एक होवरक्राफ्ट और अतिरिक्त नौकाओं की मांग सरकार से की गई है।
इंडियन कोस्ट गार्ड के एक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र से मंजूर किये गए पांच वर्षीय कार्यक्रम के लिए 31,748-करोड़ रुपये से तट रक्षक बल जल्द ही अपने बेड़े में 134 जहाजों को ऑपरेशनल करने की तैयारी में है। इसमें 57 जहाज विभिन्न भारतीय शिपयार्डों में बन रहे हैं।
2008 के बाद तट रक्षक बल का हवाई बेड़ा भी 44 विमानों से बढ़कर 58 हो गया है। समुद्र में प्रभावी ढंग से गश्त करने के लिए रत्नागिरी में एक और हवाई स्टेशन भी जोड़ा गया है, जो जल्द ही चालू हो जायेगा।
समुद्र में गश्त करने के लिए तट रक्षक बल ने अपने वायु और सतह के बेड़े को मजबूत किया है। तटीय सुरक्षा के लिए इस समय कोस्ट गार्ड के रूप में 12 हजार कर्मचारी हैं लेकिन 8 हजार और कर्मियों को जोड़ने की योजना बनाई जा रही है।
मुंबई पर आतंकवादी हमला होने के 9 साल बाद तटीय सुरक्षा बढ़ाने के मद्देनजर नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड ने मार्क-III वेरिएंट के 32 ‘ध्रुव’ एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर का ऑर्डर मार्च, 2017 में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को दिया था।
एचएएल के इंजीनियरों ने ‘ध्रुव’ एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर मार्क-III वेरिएंट में तटीय सुरक्षा के लिए 270 डिग्री कवरेज के साथ एक निगरानी रडार लगाया गया है, जो कई समुद्री लक्ष्यों का पता लगाकर उन्हें वर्गीकृत और ट्रैक कर सकता है। मई 2020 में लॉकडाउन प्रतिबंध हटने के बाद कोच्चि, चेन्नई और गोवा में भारतीय कोस्ट गार्ड और भारतीय नौसेना ने हेलीकॉप्टर के मार्क-III का समुद्री परीक्षण शुरू किया।
इसके बाद नवम्बर में लगभग प्रतिदिन दो हेलीकॉप्टरों से बेंगलुरु में नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड को प्रशिक्षण दिया गया। अब इसी माह के अंत तक ‘ध्रुव’ एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर मार्क-III वेरिएंट के पांच विमानों का पहला बैच भारतीय नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड को मिल जायेगा।
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