लखनऊ: राजधानी के सर्वोदय नगर निवासी पुलस्त तिवारी के मुठभेड़ मामले में हाईकोर्ट ने सीबीसीआईडी जांच पर जवाब मांगा है।
पुलस्त की मां मंजुला तिवारी के इस कथित मुठभेड़ को गलत बताते हुए आशियाना थाने में दर्ज दो मुकदमों की विवेचना सीबीसीआईडी से कराये जाने के लिए दायर याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार से तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है।
जस्टिस ऋतुराज अवस्थी एवं जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने यह आदेश याची की अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर एवं अपर शासकीय अधिवक्ता को सुनने के बाद दिया।
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याचिका के अनुसार लखनऊ पुलिस ने दावा किया था कि आशियाना थाना क्षेत्र में 09 अगस्त 2020 की रात हुई मुठभेड़ में 25 हजार के इनामी बदमाश पुलस्त तिवारी को गिरफ्तार किया, जिसके दाहिने पैर में गोली लगी। इसके विपरीत उस शाम करीब 6.30 बजे दो पुलिस वाले उनके घर आये और वे पुलस्त को अपने साथ ले गए, जिसकी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी हैं।
याचिका के अनुसार इन मुकदमों की विवेचना स्थानीय थाने से हो रही है, जो पूरी तरह गलत है, इसलिए इनकी विवेचना सीबीसीआईडी से करायी जाए। इस पर कोर्ट ने सरकार से तीन सप्ताह में अब तक विवेचना की प्रगति से अवगत कराये जाने के आदेश दिए हैं।
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