फर्जी अनामिका शुक्ला प्रकरण में बड़ी कारवाई, जिला समन्वयक को मूल विभाग भेजा गया
नौ महीने पहले चर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण में शनिवार को बड़ी कारवाई हुई है। मामले में रायबरेली के जिला समन्वयक अनिल तिवारी को मूल विभाग में भेजने के साथ ही प्रशासनिक कारवाई के लिए पत्र लिखा गया है। नौ महीने बाद हुई इस बड़ी कारवाई से एक बार यह प्रकरण फिर गरमा गया है।
राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आंनद ने अनामिका शुक्ला प्रकरण की चली लंबी जांच के बाद रायबरेली के जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) अनिल तिवारी को दोषी माना है। उन्हें बछरांवा के कस्तूरबा विद्यालय में अनामिका शुक्ला नाम के फर्जी नियुक्ति मामले में जिम्मेदार माना है। निदेशक ने उनको तत्काल मूल विभाग में भेजने का आदेश दिया है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे पत्र में निदेशक ने आदेश दिया है कि उन्हें तुरन्त कार्यमुक्त करते हुए सभी चार्ज वापस ले लिये जायं। निदेशक ने जिला समन्वयक के खिलाफ़ प्रशासनिक कारवाई करने के लिए जिला समन्वयक के मूल विभाग उत्तराखंड के निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) को पत्र लिखा है। निदेशक के द्वारा की गई इस बड़ी कारवाई के बाद एक बार यह मामला चर्चा में आ गया है।
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दरअसल इसी वर्ष नौ महीने पहले मार्च के महीने में कस्तूरबा विद्यालय में अनामिका शुक्ला की फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया था। कुछ ही दिन बाद कई अन्य जनपदों में भी अनामिका शुक्ला नाम से फर्जी नियुक्ति का प्रकरण सामने आ गया था।इसके बाद से ही सरकार ने सभी शिक्षकों के दस्तावेजों के जांच के आदेश दिए थे।
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