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केरल में मुख्यमंत्री पिनाराई ने विशेष सत्र में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया

तिरुवनंतपुरम : केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया।

एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हालांकि ,23 दिसंबर को विशेष सत्र बुलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, लेकिन दूसरी बार राज्य सरकार की ओर सिफारिश मिलने बाद उन्होंने सत्र बुलाने के लिए सहमति दी।इससे पहले, राज्यपाल ने सरकार को सूचित किया कि इस समस्या पर चर्चा करना अप्रासंगिक है क्योंकि यह राज्य के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

विजयन ने पत्र लिखकर कहा

राज्यपाल के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री विजयन ने पत्र लिखकर कहा कि विशेष सत्र बुलाने की अनुमति नहीं देना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य विधानसभा में मुद्दों को पारित करने और उन पर चर्चा करने के लिए निर्वाचित सरकार के अधिकार को राज्यपाल की शक्ति नहीं रोक सकती।उन्होंने किसान के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा कि केरल खाद्यान्न के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर है और किसानों की समस्याएं राज्य के लिए भी चिंता का विषय हैं।

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केंद्र सरकार ने किसानों के हितों की अनदेखी की

उन्होंने प्रस्ताव को सदन में रखते हुए हुए कहा कि सरकार अपने अधिकारों के लिए आंदोलन कर रहे किसानों के साथ खड़ी है। केंद्र सरकार ने नए कृषि कानून लाते समय किसानों के हितों की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून बड़े उद्योगपतियों को फायदा होगा और किसान अपनी उपज के बेहतर दाम के लिए उनसे बातचीत नहीं कर पाएंगे। प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सदन में उप नेता कांग्रेस के के सी जोसेफ ने कहा कि विशेष सत्र बुलाने की अनुमति में देने में देरी के लिए राज्यपाल जिम्मेदार हैं।

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