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बच्चों के भविष्य के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रखा मौन उपवास

देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने सरकारी नौकरी में उम्र की छूट की मांग को लेकर आज अपने आवास पर सुबह एक घंटे के मौन उपवास पर बैठे। हरीश रावत का कहना है कि मेरा उपवास सरकार का विरोध नहीं बच्चों के भविष्य की चिंता को लेकर हैं।

एक घंटे का मौन उपवास पर रखा

गुरुवार सुबह हरीश रावत मसूरी रोड स्थित अपने आवास पर आठ से नौ बजे तक एक घंटे का मौन उपवास पर रखा। इस दौरान उन्होंने मीडिया को बताया कि ये मौन उपवास बच्चों के भविष्य को लेकर है, ताकि सरकार का ध्यान इस ओर जाए। ये सरकार का विरोध नहीं है।

वीडियो पोस्ट कर कहा

सोशल मीडिया में जारी वीडियो पोस्ट में उन्होंने कहा कि सरकार से मांग की है कि विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरियों में आवेदकों को उम्र सीमा में छूट दी जाए। इससे पहले इसी मुद्दे पर हरीश रावत पिछले कई दिनों से लगातार अपनी पोस्ट डाल रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने वीडियो भी शेयर किया। इसमें कहा गया है कि-मैंने कल घोषणा की थी कि मैं ऐसे बच्चे जो सरकार की रोजगार विरोधी नीति के कारण बेरोजगार हैं, उनकी समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए मौन उपवास करूंगा।

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बोले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत

उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 4 वर्षों के अन्दर भर्तियां की ही नहीं। सरकारी विभागों में पद खाली रहे। चाहे वो शिक्षा से संबंधित हो या दूसरे विभागों से संबंधित हों, बच्चे सब ओवर ऐज हो गये। शैक्षिक योग्यता है, मगर अब उनके हाथ से अवसर निकल रहा है।

हरीश रावत ने कहा

जब आप पद विज्ञापित कर रहे हैं तो वो अपनी उम्र खोज रहे हैं। उनकी उम्र निकल चुकी है। उन बच्चों में बड़ी निराशा है। मैंने मांग की थी कि आवेदन के लिए कम से कम सरकार 4 वर्ष और उम्र बढ़ाएं। मगर ऐसा किया नहीं गया है और यहां तक कि जो कमजोर वर्ग से आने वाले बच्चे हैं, जिनके लिये हर जगह कुछ विभागों में उम्र बढ़ाई जाती है, उत्तराखंड में उम्र नहीं बढ़ाई गई है। तो मैं पुनः इस मौन उपवास के माध्यम से सरकार से आग्रह कर रहा हूं कि कम से कम चार साल उम्र बढ़ाई जाए। यह किसी विरोध में नहीं है। ये उन बच्चों का भविष्य का सवाल है। आप 4 साल और उम्र बढ़ाकर उनको भी अवसर दीजिये, ताकि वो आवेदन कर सकें।”

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