निजी बीएड कॉलेजों पर सरकार मेहरबान
सरकार के ताजा आदेशों पर जो छात्र अब निजी बीएड कॉलेजों में प्रवेश लेंगे, वे कैसे एनसीटीई के तय नियमों में सिलेबस और हाजिरी पूरी कर परीक्षाएं दे पाएंगे। हर सेमेस्टर में कम से कम सौ दिनों की कक्षाओं में हाजिरी अनिवार्य होती है। प्रदेश भर के एचपीयू से संबद्ध करीब 72 बीएड कॉलेजों में 8,950 सीटों में से नए सत्र के लिए हुई काउंसलिंग की प्रक्रिया को पूरी कर प्रवेश परीक्षा के आधार पर अब तक करीब ढाई हजार सीटें ही भर पाई हैं। प्रदेश सरकार ने विवि की बीएड काउंसलिंग के बाद प्रवेश परीक्षा वाले सभी छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति दी।
बीएड कोर्स के प्रति छात्रों का रुझान कम होने की मुख्य वजह एनसीटीई के नए लागू किए गए नियमों में कोर्स एक के बजाय दो साल होना, वहीं निजी बीएड कॉलेजों का एक साल बीएड कोर्स की तर्ज पर दो साल की फीस तय करना भी एक मुख्य वजह रही है। ऐसे में प्रवेश परीक्षा की शर्त समाप्त कर देने पर भी शायद ही निजी बीएड कॉलेजों की सीटें पूरी भर पाएंगी ऐसा लगता नहीं।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. पंकज ललित ने माना की सरकार की ओर से बीएड की खाली सीटों के लिए पिछली कक्षाओं की मेरिट के आधार पर काउंसलिंग करवाने के आदेश मिले हैं। इस पर अमल करते हुए जल्द शेड्यूल तैयार किया जाएगा।
प्रदेश के कुछ निजी बीएड कॉलेजों ने सरकार के आदेश आने से पहले ही अपने स्तर पर मैनेजमेंट कोटे के तहत या अन्य नियमों को आधार मान कर प्रवेश दिया है, जिसकी अब तक विवि के शिक्षा विभाग से वेरिफिकेशन नहीं हो पाई है।