स्पोर्ट्स

सॉफ्ट सिग्नल नियम में हो सकता है बदलाव, आखिर क्यों है विवाद

स्पोर्ट्स डेस्क : भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा चुकी टी-20 सीरीज के चौथे टी-20 के दौरान अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल के चलते जमकर विवाद हुआ था.

इंग्लैंड के सैम करन की गेंद पर डेविड मलान ने फाइन लेग पर सूर्यकुमार यादव का कैच लपका था, लेकिन गेंद जमीन को छूती हुई दिखाई दे रही थी.

जानकारी के अनुसार फील्ड अंपायर ने मामले को तीसरे अंपायर के पास भेजने से पहले सॉफ्ट सिग्नल के रूप में आउट बताया. तीसरे अंपायर ने नॉटआउट का पुख्ता सबूत नही मिलने पर सूर्यकुमार को फील्ड अंपायर के फैसले के अनुसार आउट दिया था. वही अब आईसीसी इंटरनेशनल क्रिकेट में सॉफ्ट सिग्नल में बदलाव पर सोच रहा है.

हाल ही में फील्ड अंपायरों के सॉफ्ट सिग्नल के चलते जमकर विवाद होने के बाद ये खबर सामने आ रही थी कि आईसीसी इस नियम में बदलाव कर सकती है. इस टाइम चल रही खबरों के अनुसार बीसीसीआई सचिव जय शाह ने गुरुवार को हुई आईसीसी बोर्ड की मीटिंग में इस मुद्दे को सबके सामने उठाया.

चौथे टी-20 के बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी इस मुद्दे पर खुलकर बात की थी. विराट ने बोला था, मुझे नहीं पता कि संदेहजनक हालत में सॉफ्ट सिग्नल के बजाय अंपायर ‘मुझे नहीं पता’ कॉल क्यों नहीं दे सकते हैं. ऐसे फैसले मैच का रुख बदल सकते हैं.,

आज हम इससे प्रभावित हुए और कल हमारी जगह कोई और टीम हो सकती है. जब डेविड मलान ने सूर्यकुमार का कैच लपका तब वो मैदान पर जम चुके थे, क्योंकि सॉफ्ट सिग्नल’ आउट था, इसलिए थर्ड अंपायर ठोस सबूत की कमी की वजह से फैसले को पलट नहीं पाया.

मैरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने भी हाल ही में सॉफ्ट सिग्नल के नियम में बदलाव की बात की थी. एमसीसी की वर्ल्ड क्रिकेट समिति ने सुझाव दिया था कि ऑन-फील्ड अंपायर को संदेहजनक आउटफील्ड कैचों के लिये ‘आउट’ या ‘नॉट आउट’ के बजाय ‘अनसोल्ड’ बोलना चाहिए.

वही टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले की अगुवाई और एंड्रयू स्ट्रॉस, राहुल द्रविड़, महेला जयवर्धने और शॉन पोलॉक जैसे पूर्व अंतरराष्ट्रीय कप्तानों, मैच रेफरी रंजन मदुगले, अंपायर रिचर्ड इलिंगवॉर्थ और मिकी आर्थर की अगुवाई वाली क्रिकेट समिति ने अन्य मैच अधिकारियों, प्रसारकों और बॉल-ट्रैकिंग प्रौद्योगिकी आपूर्तिकर्ता ‘हॉक-आई’ से इस बारे में सुझाव लेने के बाद विचार-विमर्श कर ये फैसला लिया था कि अंपायर्स कॉल नियम को बने रहना चाहिए,

वैसे ये माना गया है कि बॉल-ट्रैकिंग तकनीक 100 प्रतिशत सही नहीं हो सकती. जानकारी के अनुसार, सॉफ्ट सिग्नल में संशोधन के मामले को सीधे क्रिकेट समिति को नहीं भेज सकता है, इसलिए ये अब पहले आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति के पास जाएगा और फिर बोर्ड की मीटिंग में रखा जाएगा.

इस प्रक्रिया में ज्यादा टाइम लग सकता है लेकिन बीसीसीआई ने जून में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से पहले नियम में बदलाव का भरोसा जताया है, हालांकि अंपायर कॉल नियम बना रहेगा. अब आईसीसी बोर्ड की आगामी 31 मार्च और एक अप्रैल को औपचारिक बैठक होगी.

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