अन्तर्राष्ट्रीय

मुंबई में 2008 में हुए हमलों जैसे ही हैं पेरिस के हमले: विशेषज्ञ

People attend a candlelight vigil during a commemoration in Rome, Saturday, Nov. 14, 2015. French police on Saturday hunted possible accomplices of eight assailants who terrorized Paris concert-goers, cafe diners and soccer fans with a coordinated string of suicide bombings and shootings in France's deadliest peacetime attacks. (AP Photo/Riccardo De Luca)

दस्तक टाइम्स/एजेंसी- वाशिंगटन : सुरक्षा विशेषज्ञों ने बहुत कम खर्च और सुनियोजित ढंग से पेरिस में हुए आतंकी हमले की समानता 2008 में मुंबई पर किए गए हमलों से करते हुए शनिवार को कहा कि यह घटनाक्रम आतंकवाद के खतरे के प्रति पश्चिमी देशों के रुख को बदलने वाला साबित हो सकता है । फ्रांस की राजधानी में विभिन्न स्थानों पर और फ्रांस और जर्मनी के बीच मैत्री मैच के दौरान स्टेड डे फ्रांस स्टेडियम में हुए आतंकवादी हमलों में 120 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। हमले के वक्त फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलोंद भी स्टेडियम में मौजूद थे।

न्यू यॉर्क पुलिस विभाग के खुफिया एवं आतंकवाद रोधी मामलों के उपायुक्त जॉन मिलर ने ‘सीएनएन’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि सस्ते संसाधनों के इस्तेमाल के लिहाज से पेरिस के हमले मुंबई आतंकी हमले जैसे हैं। इसके अलावा 26/11 के हमलों तथा शुक्रवार रात हुए पेरिस में हमलों में कई समानताएं हैं।

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यक्रम के प्रमुख ब्रूस हॉफमैन ने अलकायदा के नेता ओसामा बिन लादेन द्वारा पांच साल पहले किए गए उस आह्वान का हवाला दिया, जिसमें मुंबई जैसे हमले पूरे यूरोप में करने के लिए कहा गया था।

एनबीसी न्यूज ने राष्ट्रीय आतंकवादरोधी केंद्र के पूर्व निदेशक माइकल लीटर के हवाले से कहा कि जिस तरह से हमला हुआ वह हमने वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों के बाद से किसी शहरी इलाके में नहीं देखा।

उन्होंने कहा, ‘यह हमला इस खतरे के प्रति पश्चिमी देशों के नजरिए को बदलने वाला साबित हो सकता है।’  वायुसेना के जनरल (सेवानिवृत्त) माइकल हेडन ने कहा कि पेरिस में हुई हिंसा ‘निश्चित तौर पर एक आतंकी हमला’ था और हमारे ‘भय ने वास्तविक रूप धारण कर लिया’ क्योंकि ये हमले वर्ष 2008 में मुंबई में हुए हमलों की ही छवि पेश करते हैं। मुंबई हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों सहित कम से कम 166 लोग मारे गए थे। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद दुनिया भर की खुफिया एजेंसियों ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उनका अध्ययन किया था।

हेडन ने कहा, ‘हमें भारी आशंका थी कि हम उस हमले जैसे ही अन्य हमले देख सकते हैं। यह आशंका सच हो गई है और आज रात हम पेरिस में ऐसा होते देख रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह मुक्त समाजों की नाजुकता को दर्शाता है। यह दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के कारण हम सबके सामने कितना बड़ा खतरा है।’ आरएएनडी कॉरपोरेशन के ब्रायन माइकल जेंकिन्स ने ‘द प्रेस एंटरप्राइज’ नामक अखबार को बताया कि पेरिस में हुए हमले नवंबर 2008 में बेहद भीड़भाड़ वाले मुंबई शहर पर हुए हमलों की याद दिलाते हैं। मुंबई हमलों के दौरान इस्लामी आतंकी संगठन से जुड़े समूहों ने सिलसिलेवार एवं समन्वित ढंग से गोलीबारी और बमबारी को अंजाम दिया था। यह घटनाक्रम चार दिन तक चला था।

जेंकिन्स ने कहा, ‘इस तरह के हमले दृढ़ निश्चय और हथियार हासिल कर पाने की क्षमता पर आधारित होते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इनमें से कुछ यूरोपीय देशों में, आपराधिक संपर्कों वाला कोई भी व्यक्ति एके-47 हासिल कर सकता है। रेस्तरां में खाना खा रहे लोगों या रॉक कॉन्सर्ट देखने आए लोगों को गोली मारने के लिए कोई खास कौशल जरूरी नहीं होता। इसके लिए आपको प्रशिक्षण लेने की जरूरत नहीं पड़ती।’

डब्ल्यूबीजेड-टीवी के सुरक्षा विश्लेषक एड डेविस का भी कहना है कि पेरिस हमले मुंबई में हुए आतंकी हमलों जैसे ही हैं। डेविस ने कहा, ‘हमें इसी बात का सबसे ज्यादा डर था। अलग-अलग स्थानों पर एक साथ कई समूहों द्वारा मुंबई जैसा हमला किए जाने का।’ बीबीसी ने अपनी कमेंटरी में कहा, ‘पेरिस में शुक्रवार की रात जो हुआ, यूरोपीय सुरक्षा सेवाओं को लंबे वक्त से उसी का डर था, और उसे ही विफल करने में लगे थे। यूरोप के किसी महत्वपूर्ण शहर में, एक से ज्यादा निशानों पर, भीड़ भरे सार्वजनिक इलाकों में सिलसिलेवार, लगातार हमले, स्वचालित हथियारों और आत्मघाती हमलावरों के माध्यम से।’

उसने कहा है, ‘इस तरीके का इस्तेमाल पहले भी हो चुका है, मुंबई और अन्य क्षेत्रों में।’ दक्षिण तुर्की के अंताल्या में होने वाले दो दिवसीय जी-20 सम्मेलन पर इन हमलों का छाया रहने की आशंका है। फ्रांस के राष्ट्रपति इस सम्मेलन में शामिल होने वाले थे, लेकिन उन्होंने अपनी यात्रा रद्द कर दी है। यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि तुर्की में इस सप्ताहांत होने वाला जी-20 सम्मेलन आतंकवाद के मामले में अपनी प्रतिक्रिया दे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं।

 

Related Articles

Back to top button