स्पोर्ट्स डेस्क : घरेलू टी-20 लीग की लीग बढ़ती संख्या इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए खतरा हो सकती है. ये बात दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने बोली है. उनका मानना है कि दोनों को संतुलित करने का एक तरीका खोजना चाहिए.
डु प्लेसिस ने वेस्टइंडीज टीम का उदाहरण देते हुए बोला कि टीम के कई प्लेयर राष्ट्रीय टीम पर फ्रेंचाइजी क्रिकेट को तरजीह देते हैं. और कई दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर इस राह पर अग्रसर हो सकते हैं.
डु प्लेसिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोला कि, मुझे लगता है कि ये साल दर साल बढ़ रही टी-20 लीग क्रिकेट इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए खतरा. अगर भविष्य में ये एक विकल्प बन जाता है, तो ये इंटरनेशनल क्रिकेट को इससे वास्तविक खतरा हो सकता है.
उन्होंने बोला कि हो सकता है कि अगले 10 सालो में क्रिकेट फ़ुटबॉल की तरह हो जाएगा, जहां दुनिया भर में हो रही लीग के बीच वर्ल्ड टूर्नामेंट आयोजित हों.
उन्होंने बोला कि इंटरनेशनल क्रिकेट के हालात भी फुटबॉल जैसे हो सकते है जिसमें बड़े पैमाने पर घरेलू लीग होती है. वैसे फाफ डु प्लेसिस आईपीएल सहित अन्य घरेलू टी-20 लीग में खेलते हुए नजर आते हैं.
प्लेसिस आइपीएल में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते हैं और फिलहाल में अबूधाबी में पाकिस्तान सुपर लीग खेलने के लिए मौजूद हैं.
बताते चले कि ऑस्ट्रेलिया, भारत, इंग्लैंड, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका समेत सभी शीर्ष क्रिकेट खेलने वाले देशों की अपनी टी-20 लीग हैं. कैरिबियाई द्वीपों का समूह वेस्टइंडीज की भी अपनी लीग है.