टीईटी में सफल एक लाख अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र की वैधता फिर से होगी बहाल
रायपुर। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) रायपुर ने वर्ष 2011 से टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र को आजीवन सफलता (लाइफ टाइम अचीवमेंट) के रूप में घोषित करने का फैसला लिया है। एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन) द्वारा टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की वैधता को सात साल की बजाय आजीवन करने के लिए गए फैसले के बाद यह निर्णय लिया गया है। इससे मान्यता खो चुके करीब एक लाख अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र फिर से मान्य हो जाएंगे।
एससीईआरटी के संचालक डी. राहुल वेंकट ने बताया कि राज्य शासन को पत्र लिखकर गाइडलाइन के अनुसार जिन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र की वैधता खत्म हो चुकी है, उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए निर्देश मांगा है। इस फैसले से राज्य में टीईटी उत्तीर्ण आजीवन मान्य वाले अभ्यर्थियों की कुल संख्या एक लाख 51 हजार 589 हो जाएगी। बता दें कि पुरानी व्यवस्था के अनुसार सात साल के बाद प्रमाणपत्रों की वैधता खत्म होने का प्रावधान रहा है।
राज्य में पहली बार साल 2011 में छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) ने टीईटी का आयोजन किया था। इससे प्राइमरी स्कूल के लिए 51 हजार 662 और मिडिल स्कूल के लिए 25 हजार 855 अभ्यर्थियों ने प्रमाणपत्र हासिल किया था। निर्धारित समय तक नियुक्ति नहीं होने से साल 2018 के अंतिम तक इनके प्रमाणपत्र की वैधता खत्म हो गई थी। वहीं 2014 के अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र की वैधता भी इसी साल खत्म होने वाली है। ऐसे में 2011 और 2014 में उत्तीर्ण टीईटी अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों में वैधता खत्म होने का संकट टल गया है। बता दें कि अभी राज्य में 14 हजार 580 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इस निर्णय से लाभान्वित होने वाले अभ्यर्थियों को इस भर्ती में अवसर मिल सकता है।
छत्तीसगढ़ व्यापमं से टीईटी उत्तीर्ण उम्मीद्वारों की संख्या
साल प्राइमरी स्तर मिडिल स्तर
2011 51,662 25,885
2014 11,372 7,705
2016 15,415 9,209
2017 3,618 8,235
2019 16,358 2,130
स्कूली शिक्षा प्रमुख सचिव के डा. आलोक शुक्ला ने कहा कि टीईटी में सात साल तक प्रमाणपत्र की पात्रता को आजीवन करने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही आदेश निकालेंगे।