4 लाख से ज्यादा मरीजों में पोस्ट कोविड-19 की पेचीदगियां, रिसर्च से खुलासा
मुंबई: एक रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से उबरने के बाद उन लोगों में पेचीदगियां ज्यादा पाई गई जिनको संक्रमण का हल्का लक्षण या कोई लक्षण नहीं था. अमेरिका में 20 लाख लोगों के हेल्थ बीमा के आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद चौंकाननेवाला खुलासा हुआ. कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों की बड़ी तादाद को नए लक्षणों का सामना करना पड़ा है. ये खुलासा अमेरिका में एक रिसर्च के दौरान हुआ. शोधकर्ताओं का कहना है जिन लोगों को हल्के संक्रमण के लक्षण या कोई भी लक्षण नहीं था, उनके अंदर भी स्वास्थ्य से जुड़ी पेचीदगियां देखी गईं, जबकि पहले से उनको किसी तरह की समस्या भी नहीं थी.
उन्होंने 20 लाख लोगों के हेल्थ बीमा का डेटा विश्लेषण कर नतीजा निकाला. फेयरफेथ ने फरवरी से दिसंबर 2020 तक संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य संबंधी डेटा का विश्लेषण किया और 2021 की फरवरी तक उनका फॉलोअप किया गया. रिसर्च से पता चला कि 4 लाख 54 हजार 477 मरीजों ने पोस्ट कोविड-19 के 30 दिन बाद लक्षणों की वजह से डॉक्टरी सलाह ली. इस दौरान रिसर्च में शामिल संक्रमण से ठीक हो चुके 594 मरीजों की पोस्ट कोविड-19 जटिलताओं के कारण मौत हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल संक्रमण से उबरने के एक महीने या उससे ज्यादा समय बाद करीब एक तिहाई यानी 23 फीसद लोग पोस्ट कोविड-19 की जटिलताओं के कारण अस्पताल पहुंचे.
फेयर हेल्थ के अध्यक्ष रॉबिन गिलबर्ड ने बताया, “20 लाख लोगों के हेल्थ बीमा डेटा का विश्लेषण करने के बाद चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है.” उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड-19 की पेचीदगियां बच्चों से बुजुर्गों तक में पाई गई. उन्होंने मांसपेशियों में दर्द, अनिद्रा, सांस की तकलीफ, कोलेस्ट्रोल में तेज वृद्धि, थकान, हाई ब्लड प्रेशर, आंत, माइग्रेन, स्किन और हार्ट की तकलीफ के बारे में बताया.
रिपोर्ट के मुताबकि, 19 लाख 59 हजार 982 लोगों में से आधी संख्या में कोरोना का कोई लक्षण नहीं पाया गया. उसके अलावा, 40 फीसदी लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं पड़ी जबकि 5 फीसद को भर्ती कराना पड़ा. 27 फीसद ने हल्का लक्षण की जानकारी दी और 19 फीसद ने कहा कि उनको कोई लक्षण नहीं था. शोधकर्ताओं ने बताया कि मात्र एक फीसद मरीजों के सूंघने और चखने की क्षमता प्रभावित हुई. रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 से उबरने के बाद हल्के-बिना लक्षणों वाले मरीजों को ज्यादा पेचीदगियों से सामना हुआ.