नई दिल्ली: केंद्र ने महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के एक वरिष्ठ सदस्य के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है कि अगले दो से चार हफ्ते में महाराष्ट्र को कोविड-19 की तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है। डॉ शशांक जोशी के हवाले से प्रकाशित खबरों के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत के कोविड-19 वर्किंग ग्रुप ऑफ नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (एनटागी) के विशेषज्ञों ने यह प्रतिक्रिया दी है।
खबरों में डॉ. जोशी के हवाले से कहा गया है, ”यूके को दूसरी लहर के चार हफ्ते बाद ही तीसरी लहर का सामना करना पड़ा है। अगर हम सतर्क नहीं रहे और हमने कोविड उपयुक्त व्यवहार नहीं किया तो हम भी इसी स्थिति में होंगे।” एनटागी के विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्य के इस दावे को खारिज कर दिया है। उल्लेखनीय है कि राज्य सहित पूरा देश कोविड 19 की दूसरी लहर से उबर रहा है। साथ ही टीकाकरण अभियान भी पूरी गति से चल रहा है। एनटागी ने मामले की ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का भी ध्यान दिलाया है। मंत्रालय अब इस बाबत महाराष्ट्र सरकार से संपर्क साध रहा है।
महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के संबंधित सदस्य ने कहा था कि यह आशंका महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में जताई गई। बैठक तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए राज्य की तैयारियों को लेकर आयोजित की गई थी। एनटागी के मुताबिक ऐसे तर्क या निरीक्षण का कोई आधार नहीं है। इसके अलावा तीसरी लहर की कम से कम अगले छह माह तक कोई आशंका नहीं है, क्योंकि देश की 50 से 60 प्रतिशत आबादी में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो चुकी है।
हालिया वक्त में किए गए सीरो सर्वे में यह बात स्पष्ट हो चुकी है। पात्र आबादी के 30 प्रतिशत हिस्से को वैक्सीन का पहला डोज लग जाने की वजह से तीन माह लंबी कोविड सुनामी के बाद एक और लहर की कोई आशंका नहीं दिखती। इस संबंध में संपर्क साधे जाने पर एनटागी के चेयरमैन डॉ एनके अरोड़ा ने कोई भी टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना है।