बैलगाड़ी में सवार होकर दूल्हा पहुंचा अपनी दुल्हनिया लेने
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के देवरिया से एक अनोखी बारात की तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि एक दूल्हा अपनी दुल्हनिया को लेने कारों की बजाय बैलगाड़ी में पहुंचा। यही नहीं, उसके बाराती भी दूसरी बैलगाड़ियों में ही सवार थे। इस दृश्य को रास्ते में जिसने भी देखा कौतुहूल से भर गया। जब दूल्हे से इस बारे में पूछा गया तो उसका जवाब था कि- “मैंने 10 साल पहले सोचा था कि मैं अपनी शादी में बैलगाड़ी से जाऊंगा। गाड़ियों की वजह से यह परंपरा ख़त्म हो रही है। मैं लोगों को पुरानी परंपरा के बारे में भी बता रहा हूं।”
गौरतलब है कि पिछले साल राजस्थान में भी एक बारात बैलगाड़ियों पर ही निकली थी। राजस्थान Rajasthan के पाली जिले के रायपुर कस्बे के मुख्य बाजार से लेकर मेगा हाइवे का मार्ग बैलों के गले में बंधे घुंघरू की झनकार से गूंज उठा। मौका था बैलगाड़ी पर निकली अनोखी बारात का, जिसमें दूल्हे सहित सभी बाराती बैलगाड़ी पर सवार थे। नौ बैलगाड़ी कतार में निकली, सजे-धजे बैलों के गले में बंधे घुंघरू की झनकार खुशी के माहौल में चार चांद लगा रहे थे। रायपुर से रवाना होकर कुशालपुरा के लिए निकली इस अनोखी बारात को देखने कस्बेवासी उमड़ पड़े।
कस्बे के झूठा बाइपास मार्ग स्थित घांचीयों का गोरवा बेरा निवासी किसान भगाराम घांची के बेटे उत्तम सोलंकी का विवाह कुशालपुरा निवासी श्यामलाल घांची की बेटी पूजा से तय हुआ। दोपहर में कस्बे से बारात रवाना हुई। दूल्हे उत्तम ने अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए 60 साल पुराने इतिहास को दोहराया। उत्तम ने अपने लिए लग्जरी कार व बारातियों के लिए बस की व्यवस्था करने की बजाय नौ बैलगाड़ी मंगवाई। दूल्हा बना उत्तम सबसे आगे चल रही बैलगाड़ी पर सवार हुआ। जबकि आठ अन्य बैलगाड़ी पर बाराती सवार हुए।बारात जब मुख्य बाजार से बस स्टैण्ड होते हुए निकली तो व्यापारी भी इस अनोखी बारात को निहारने दुकानों से बाहर निकल आए।
बारात मेगा हाइवे पर लिलाम्बा होते हुए कुशालपुरा पहुंची। बैलगाड़ी पर इस बारात को दस किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब तीन घंटे का समय लगा। इस बारात में शामिल ऐसे कई बाराती थे जो पहली बार बैलगाड़ी पर सवार होकर निकले थे। एक दौर वह भी गुजरा था, जब कस्बे में संसाधन नहीं हुआ करते थे। उस दौर में बारात बैलगाड़ी पर ही जाती थी। आज उत्तम ने उसी दौर को दोहराया है। इस अनोखी बारात की चर्चा न केवल स्थानीय कस्बे बल्कि पूरे क्षेत्र में रही। उधर, कुशालपुरा जब बारात पहुंची तो वहां पर भी लोगों में बारात को निहारने का क्रेज इसी तरह का देखने को मिला। दूल्हा उत्तम चैन्नई में व्यवसाय करता है। इस शादी में चैन्नई से उत्तम के काफी दोस्त भी यहां पहुंचे हैं। इस अनोखी बारात में शामिल वर पक्ष के रिश्तेदारों के साथ परिचित भी काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। इधर, बैलगाड़ी पर बारात ले जाकर उत्तम ने पर्यावरण संरक्षण का भी अच्छा खासा संदेश दिया है।