बच्ची का गैंगरेप कर ईंट से कुचलने में वालों में 11 साल का आरोपी
बच्ची के मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। पुलिस ने शव मिलने की सूचना देने वाले मोहल्ले के युवक से शक के आधार पर पूछताछ की तो वह टूट गया और दो अन्य दरिंदों के नाम बता दिए। पुलिस ने उन्हें भी दबोच लिया। इनमें एक 11 साल का नाबालिग है।
पुलिस ने पिता की तहरीर पर बच्ची को अगवा करके गैंगरेप करने और हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। परिजनों का कहना है कि उन्होंने तीन दिन पहले पुलिस से गुहार लगाई थी लेकिन बच्ची को ढूंढना तो दूर, रिपोर्ट तक नहीं लिखी गई।
फेथफुलगंज निवासी एक व्यक्ति की पांच साल की बेटी बुधवार शाम से लापता थी। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। अगले दिन मस्जिद से घोषणा कराई और खुद पिता माइक लेकर मोहल्ले-मोहल्ले बेटी की जानकारी करता रहा।
बच्ची के माता-पिता व मोहल्ले वाले वहां पहुंचे और शव देखकर बिलख पड़े। पुलिस ने शव मिलने की सूचना देने वाले बउवन से पूछताछ शुरू की तो उसने सब उगल दिया। बताया कि बच्ची के पिता से बउअन के घरेलू संबंध थे। बच्ची उसे चाचा कहती थी। बुधवार को बच्ची को अपने साथ ले आया था।
बाद में बच्ची को रेलवे की खंडहरनुमा कोठरी में ले गया। दोनों दोस्तों को भी बुला लिया। फिर उसने दोस्त दीपक (19) और एक नाबालिग दोस्त के साथ बच्ची से रेप किया और फिर हत्या कर दी। बच्ची शोर न मचा सके इसलिए उसके कपड़े उसके मुंह में ठूंस दिए।
इसके बाद तीनों ने मिलकर गला दबाया और सिर ईंट से कूंच दिया। पुलिस ने तुरंत दीपक और तीसरे आरोपी को भी पकड़ लिया। बउअन और दीपक गुप्ता उर्फ सुक्खी शुक्लागंज के रहने वाले हैं और काम-धंधे के सिलसिले में बच्ची के घर के पास किराए पर रहते हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि हुई है। सिर पर भारी वस्तु से प्रहार करने, सिर कूंचने और अधिक खून बहने को मौत का कारण माना गया है। दरिंदों ने बच्ची के चेहरे को इतनी बुरी तरह कूंच दिया कि डॉक्टर चोट भी नहीं गिन पाए।
बउअन ने बताया कि गैंगरेप और हत्या करने के बाद तीनों मौके से भाग गए थे। बच्ची जिंदा होने की आशंका पर तीनों घटना के दूसरे दिन फिर मौके पर पहुंचे और दोबारा शव को ईंट से कूंचा। जब इत्मीनान हो गया कि बच्ची जिंदा नहीं है तो वहां से चले गए।