नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) अगले महीने से बच्चों पर कोरोना वैक्सीन कोवावैक्स का ट्रायल शुरू करेगी। 920 बच्चों पर वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण किया जाएगा। बच्चों में वैक्सीन की सुरक्षा और प्रतिरक्षा का आकलन किया जाएगा।
पुणे स्थित कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने एक दिन पहले ही ट्वीट कर कहा था कि कोवावैक्स के पहले बैच का उत्पादन शुरू हो गया है। अमेरिकी दवा कंपनी नोवावैक्स ने इस वैक्सीन को विकसित किया है और भारत में सीरम इसका कोवावैक्स ब्रांड नाम से उत्पादन कर रही है।
कंपनी के मुताबिक देश के 10 केंद्रों पर अगले महीने से इसका परीक्षण शुरू होगा। इन केंद्रों में पुणे स्थित भारती हास्पिटल भी शामिल है। 12-17 वर्ष और 2-11 वर्ष आयुवर्ग के 420-420 बच्चों पर परीक्षण किया जाएगा। पूनावाला के मुताबिक भारत के दवा महानियंत्रक यानी डीसीजीआइ से अनुमति मिलने के बाद कंपनी अगले महीने से इसका परीक्षण शुरू करने की योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि परीक्षण में शामिल होने वाले बच्चों को 21 दिन के अंतराल पर कोवावैक्स की दोनों डोज दी जाएगी और उसके बाद छह महीने तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जाएगी।
पूनावाला के मुताबिक पहले 12-17 आयुवर्ग के बच्चों पर ट्रायल शुरू किया जाएगा। उसके बाद दो-11 आयुवर्ग के बच्चों पर ट्रायल किया जाएगा। इसमें बच्चों में वैक्सीन की सुरक्षा और प्रतिरक्षा का आकलन किया जाएगा। तीन महीने बाद कंपनी लाइसेंस के लिए ट्रायल के अंतरिम नतीजों को डीसीजीआइ के पास जमा कराएगी। डीसीजीआइ के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक देश में परीक्षण पूरा होने से पहले वैक्सीन के दूसरे देशों के नतीजों के आधार पर कंपनी लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती है।