बिहार में लगातार 24 घंटे की बारिश से सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। हालांकि गंडक और बूढ़ी गंडक को छोड़ सभी नदियां अभी लाल निशान से नीचे हैं। इसके अलावा सभी स्थानीय नदियों के जलस्तर में भी वृद्धि हुई है। अधिसंख्य के जलस्तर में रविवार तक और वृद्धि की आशंका है। इस बीच नेपाल में कम वर्षा होने के कारण कोसी और गंडक के डिस्चार्ज में बहुत वृद्धि नहीं हुई है। वहीं राज्य में शुक्रवार की रात और शनिवार को दिन में वज्रपात के कारण सात लोगों की मौत हो गई। ये सभी मौतें पटना सहित पांच जिलों में हुई हैं। इन लोगों को आपदा प्रबंधन विभाग प्रावधान के तहत मुआवजा देगा। हर मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मिलेंगे। विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राज्य के विभिन्न इलाकों में पिछले 24 घंटे में जमकर वर्षा हुई है। पटना सहित तीन स्थानों पर 100 एमएम से अधिक वर्षा हुई है। 50 एमएम से अधिक वर्षा दस स्थानों पर दर्ज की गई है। सबसे अधिक 146 एमएम वर्षा पटना में हुई है। इसके बाद तैयबपुर में 118 और हाजीपुर में 125 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई है। इंद्रपुरी, चनपटिया, हाथीदह, डुमरियाघाट, पटना के श्रीपालपुर और समस्तीपुर में वर्षा 55 से 81 एमएम तक हुई है। लगातार हो रही बारिश के बावजूद शनिवार को बराह क्षेत्र में कोसी का डिस्चार्ज 77 हजार तो बराज पर एक लाख छह हजार घनसेक था। गंडक का डिस्चार्ज भी वाल्मीकीनगर बराज पर एक लाख घनसेक के आसपास ही था। बावजूद गंडक डुमरिया घाट में लाल निशान से 41 सेमी ऊपर है। बूढ़ी गंडक भी रोसड़ा में लाल निशान से 20 सेमी ऊपर है।
कोसी नदी बालतारा में लाल निशान से 58 सेमी नीचे बह रही है लेकिन रविवार तक इसके जलस्तर में लगभग 33 सेमी वृद्धि होने की आशंका है। बागमती नदी रोसडा़ में रेल पुल के पास 26 सेमी ऊपर चढ़कर लाल निशान को पार कर गई है। गंगा के जलस्तर में भी बक्सर और कहलगांव को छोड़ सभी जगहों पर बढ़ा है। लेकिन, पटना में यह नदी बढ़ने के बाद भी दीघाघाट पर लाल निशान से लगभग पौने तीन मीटर और गांधी घाट में भी डेढ़ मीटर नीचे है। कोईलवर में सोन नदी का जलस्तर भी चढ़ा है, लेकिन अभी यह लाल निशान से काफी नीचे है।