
नई दिल्ली: गुजरात में निकाय चुनावों का पहला दौर आज (रविवार से) शुरू हो रहा है। राज्य में अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा, राजकोट, भावनगर और जामनगर महानगरपालिकाओं के लिए वोट डाले जा रहे हैं। पहले चरण में सिर्फ शहरी इलाकों में चुनाव हो रहे हैं, जबकि दूसरे चरण में 29 नवंबर को नगरपालिका, ज़िला और तहसील पंचायतों के लिए वोट डाले जाएंगे।
ये चुनाव मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वो मुख्यमंत्री बनी थीं और ये पिछले 15 साल में पहली बार है कि नरेंद्र मोदी की गैर मौजूदगी में राज्य में बड़े चुनाव हो रहे हैं।
साल 2010 में बीजेपी महानगरपालिकाओं में दो तिहाई से ज़्यादा बहुमत लेकर सत्ता में आई थी, लेकिन इस बार आनंदी बेन पटेल के सामने उनके अपने ही समाज पाटीदार समाज की चुनौती कड़ी है। पिछले 4 महीने से ये समाज सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और बीजेपी को कई जगह पटीदारों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में बिहार चुनाव के बाद अगर गुजरात में भी परिणाम अपेक्षित नहीं आता है तो आनंदी बेन के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की छवि पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है।