उप्र में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल जारी
लखनऊ (दस्तक ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लागू करने के बाद भी राज्य कर्मचारी गुरुवार को 1०वें दिन भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। हालांकि जरूरी सेवाओं को हड़ताल से अलग रखा गया है। राज्य कर्मचारियों की बुधवार को सरकार से हुई दूसरे दौर की वार्ता विफल रही लेकिन कर्मचारी नेताओं ने आपातकालीन सेवाओं को फिलहाल हड़ताल से अलग रखने का फैसला किया है जिससे सरकार को कुछ राहत मिली है। इससे पहले 18 और 19 नवंबर को नेत्र उपचार विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों लैब टेक्नीशियनों और नर्सों द्वारा आपातकालीन सेवा बंद करने से सरकारी अस्पतालों में दिक्कतें आनी शुरू हो गई थीं। हालांकि स्वास्थ्यकर्मी ओपीडी में अभी भी सेवाएं नहीं दे रहे हैं। एस्मा लागू होने के बाद भी कर्मचारियों के अड़ियल रुख को देखते हुए बुधवार रात राज्य सरकार की तरफ से कर्मचारी नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया गया। प्रतिनिधि के रूप में प्रमुख सचिव (कार्मिक) राजीव कुमार की कर्मचारी नेताओं से करीब दो घंटे तक बातचीत हुई लेकिन सुलह नहीं हो पाई। कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल वापस लेने से इंकार कर दिया। हड़ताली राज्य कर्मचारियों के संगठन राज्य कर्मचारी अधिकार मंच के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा है कि एस्मा लागू होने के बावजूद मांगें पूरी न होने तक हड़ताल जारी रहेगी। लखनऊ सहित विभिन्न जिलों में हड़ताली कर्मचारी आज दसवें दिन भी कार्य बहिष्कार कर अपने अपने दफ्तरों के बाहर जनसभा कर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। गौरतलब है कि राज्य में वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर राज्य कर्मचारी पिछले आठ दिनों से लगातार हड़ताल पर हैं। हड़ताल की वजह से जहां सरकार को अरबों का नुकसान होने की आशंका जताई गई है वहीं आम जनजीवन भी खासा प्रभावित हुआ है।