कीड़ा बढ़ा रहा है महिलाओं की प्रजनन क्षमता
वैज्ञानिकों का कहना है कि एक ख़ास किस्म के परजीवी वर्म (कृमि) से महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है.
बोलीविया में रहने वाली 986 महिलाओं पर किए गए एक शोध में पाया गया है कि एक ख़ास किस्म के गोलकृमि के मौजूद होने से दो बच्चे अधिक पैदा हुए.
जर्नल साइंस में प्रकाशित एक शोध में कहा गया है कि ये कृमि महिलाओं के इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) में बदलाव कर रहा है जिससे वो आसानी से गर्भवती हो जाती हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस खोज से प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाली नई दवाओं के विकास में मदद मिल सकती है.
बोलीविया की सिमाने जनजाति समूह की महिलाएं औसतन नौ बच्चे पैदा करती हैं. इनमें से 70 फ़ीसदी में ये ख़ास परजीवी कृमि पाए गए हैं.
दुनिया की एक तिहाई आबादी में ऐसे इंफेक्शन पाए जाते हैं.
जहां अस्कारिस लुमब्रिकाइडेस (ख़ास गोलकृमि का वैज्ञानिक नाम) प्रजनन क्षमता बढ़ाता है वहीं हुकवर्म प्रजनन क्षमता कम करते हैं.
जिन महिलाओं में हुकवर्म पाए गए उनके औसतन तीन बच्चे कम हुए.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया सांता-बारबारा के प्रोफ़ेसर एरॉन ब्लैकवैल कहते हैं, “प्रभाव अप्रत्याशित रूप से बड़े हैं.”
उन्होंने कहा कि गर्भाधारण के दौरान महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली में बदलाव होता है इसलिए वो भ्रूण को नकारती नहीं हैं.
प्रोफ़ेसर ब्लैकवैल कहते हैं, “हमें लगता है कि इन प्रभावों की वजह ये है कि ये कृमि महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली में बदलाव लाते हैं.”
वे कहते हैं कि परजीवी कृमि का इस्तेमाल प्रजनन दवाओं में करना एक दिलचस्प संभावना है.
हालांकि उन्होंने कहा कि अभी इस दिशा में बहुत काम किया जाना बाक़ी है.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ शैफ़ील्ड में प्रजनन वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर एलन पेसी कहते हैं, “यह बहुत हैरान करने वाला है कि एक ख़ास क़िस्म का परजीवी गोलकृमि वास्तव में प्रजनन क्षमता बढ़ाता है.”
उन्होंने कहा कि आईवीएफ़ को बढ़ाने के लिए महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली को बदलने के लिए कई दवाओं का परीक्षण किया गया लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली है.”
उन्होंने कहा कि इस दिशा में अधिक शोध से नई प्रजनन दवा भी विकसित की जा सकती है.