प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में बताया कि कैसे वो ट्रैक लीजेंड मिल्खा सिंह से प्रेरित थे. साथ ही उन्होंने आगामी टोक्यो ओलंपिक के बारे में भी बात की. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम टोक्यो ओलंपिक के बारे में बात कर रहे हैं, तो मिल्खा सिंह जैसे महान एथलीट के बारे में कोई कैसे भूल सकता है. कुछ दिन पहले हमने मिल्खा सिंह को खो दिया क्योंकि वो कोविड-19 से अपनी लड़ाई हार गए. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वो अस्पताल में थे, तो मुझे उनसे बात करने का अवसर मिला था.
बात करते हुए मैंने उनसे आग्रह किया था कि आपने तो 1964 में टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था इसलिए इस बार जब हमारे खिलाड़ी ओलंपिक के लिए टोक्यो जा रहे हैं तो आपको हमारे एथलीट का मनोबल बढ़ाना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मिल्खा सिंह खेल के प्रति समर्पित थे और इसलिए उन्होंने मेरी बात मान ली, लेकिन दुर्भाग्य से नियति के पास कुछ और ही था. मुझे आज भी याद है कि वो 2014 में सूरत आए थे और हमने एक नाइट मैराथन का उद्घाटन किया था. उस समय हमने खेलों के बारे में बातचीत की और मैं वास्तव में उनसे प्रेरित हुआ. हम सभी जानते हैं कि मिल्खा सिंह का पूरा परिवार खेल के प्रति समर्पित हैं.
टोक्यो ओलंपिक पिछले साल आयोजित होने वाले थे, लेकिन ये कोरोना महामारी के कारण स्थगित कर दिए गए थे और अब ये इस साल 23 जुलाई से 8 अगस्त तक आयोजित किए जाएंगे. मिल्खा सिंह पिछले हफ्ते कोरोना से अपनी लड़ाई हार गए थे और उनके निधन पर दुनिया भर में शोक व्यक्त किया गया था. मिल्खा 91 साल के थे. ओलंपिक के बारे में आगे बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब प्रतिभा, समर्पण, दृढ़ संकल्प और खेल भावना एक साथ आती है, तो आपको एक चैंपियन मिलता है. हमारे देश में एथलीट छोटे शहरों, गांवों और जिलों से आते हैं. हमारे सभी ओलंपिक के लिए जाने वाले एथलीटों को एक प्रेरणा के रूप में देखा जा सकता है.