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‘डॉक्टर भर्ती पर घमासान, मंत्री की भी नहीं सुन रही सरकार’

ganesh-dutt-5408a22c20809_exlstहिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार पर सभी मान्यताओं और संवैधानिक व्यवस्थाओं का सरेआम उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि आयुर्वेदिक विभाग में बैचवाइज भर्ती बिना मंत्री की सिफारिश के रद्द करना और मंत्री की गैर हाजिरी में भर्ती को रद्द करना सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता गणेश दत्त ने कहा कि कई साल से आयुर्वेद विभाग में बैचवाइज डॉक्टरों की भर्ती की बाट जोह रहे कई डॉक्टरों के साथ बहुत बड़ा कुठाराघात किया गया है। जब बैचवाइज भर्ती को रद्द करने का निर्णय लिया गया तो उसमें संबंधित मंत्री की कोई भी स्वीकृति नहीं ली गई है। पार्टी प्रवक्ता ने सरकार से मांग की है कि वह बैचवाइज भर्ती की पुरानी व्यवस्था को जारी रखें।

पार्टी प्रवक्ता ने बैचवाइज भर्ती रद्द कर सीधी भर्ती करने के सरकार के निर्णय पर भी सवाल खड़े किया हैं। कहा कि कांग्रेस की सरकार चोर दरवाजे से अपने चहेतों की सीधी भर्ती करना चाहती है। योग्यता और वरिष्ठता को सीधे तौर पर नजरअंदाज किया जा रहा है।

भाजपा प्रवक्ता ने सरकार से पूछा है कि बैचवाइज भर्ती समाप्त करने के बाद आयुर्वेदिक मंत्री का बयान कि उनको विश्वास में नहीं लिया गया और उनकी इच्छा के विपरीत निर्णय लिया गया है, यह सरकार की कार्यप्रणाली पर सीधे प्रश्न खड़ा करता है। पार्टी ने कहा कि संवैधानिक शपथ लेने वाले मंत्री की बिना अनुमति के ही उनके विभाग में किसी अन्य का दखल क्यों है?

बैचवाइज भर्ती समाप्त करने का मकसद क्या है? भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि पार्टी उन सभी भर्तियों की जांच करवाएगी जिन्हें अनुबंध के नाम पर भर्ती किया जा रहा है। योग्यता को दरकिनार कर एक विशेष विचारधारा के व्यक्तियों को ही भर्ती किया जा रहा है। पार्टी ने उन अधिकारियों को भी चेताया है जो नियम, कानून को ताक पर रखकर अपने आकाओं को खुश करने में लगे हुए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश पर्यावरण निदेशालय की ओर से आर्य भट्ट जीयो इन्फोरमेशन एंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में कार्यरत कर्मचारियों के पीएफ के पैसे तीन वर्षों तक जमा न करवाए जाने और फिर केंद्रीय प्रोजेक्टों के लिए आई धनराशि को डायवर्ट कर पीएफ जमा करवाने के विभागीय फैसले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय सहायता के तहत मिले धन के दुरुपयोग का गंभीर मामला है।

विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए। नेता विपक्ष ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार की ओर से रिटायर्ड व टायर्ड अधिकारियों को प्रमुखता दिए जाने और भ्रष्ट नेतृत्व के चलते आज प्रदेश के योग्य अधिकारी स्वयं को उपेक्षित व अपमानित महसूस कर रहे हैं। सारी प्रशासनिक प्रणाली चरमरा गई है।

यह केवल पर्यावरण निदेशालय का अकेला मामला नहीं है, प्रदेश भर में नियमों और कायदों को ताक में रखकर गलत कार्य किए जा रहे हैं। आज हिमाचल में कानून नहीं बल्कि जंगलराज है। कांग्रेस ने हमेशा हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया है, चाहे वो केंद्र में रही हो या हिमाचल प्रदेश में।

 

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