पानीपत/फरीदाबाद। फरीदाबाद के गांव सुनपेड़ में दलित परिवार को जिंदा जला दिए जाने का मामला ठंडा पड़ने का नाम ही नहीं ले रहा। सीबीआई द्वारा गिरफ्तार 11 आरोपियों में दो वकील शामिल होने की वजह से यह और भड़क गया। इसी के रोषस्वरूप सोमवार को हरियाणा ही नहीं, बल्कि साथ लगते प्रांत पंजाब और चंडीगढ़ के वकील हड़ताल पर उतर आए।
11 लोगों को गिरफ्तार किया है सीबीआई ने
पिछले महीने फरीदाबाद में सुनपेड़ गांव में आग में सुलझने से दो मासूमों की मौत हो गई थी, जिसकी जांच सीबीआई गई और सीबीआई ने मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार कर किया है। इस गिरफ्तरी में दो वकील एदल सिंह रावत और जगत सिंह शामिल हैं। इस गिरफ्तारी के विरोध में फरीदाबाद के वकीलों ने अब मोर्चा खोल दिया और आज पंजाब हरियाणा बार काउंसिल ने हड़ताल का एलान किया है और अब सोमवार को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के वकील हड़ताल पर हैं।
महीनेभर पहले जिंदा जला दिया था परिवार को
फरीदाबाद के गांव सुनपेड़ में सुनपेड़ गांव फरीदाबाद के बल्लभगढ़ क्षेत्र में आता है। यहां दलित समुदाय के जितेंद्र का परिवार रहता है। 20 अक्टूबर को सुबह करीब चार बजे जब जितेंद्र का परिवार सो रहा था तो घर के मेन गेट पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई थी। इसके बाद खिड़की के अंदर से पेट्रोल कमरे में फेंका। चीखने की आवाज सुनकर लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन वे भाग नहीं पाए। घटना में जितेंद्र के पांच साल के बेटे और एक साल की बेटी की मौत हो गई थी, वहीं जितेंद्र और उसकी पत्नी रेखा गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इसके बाद राहुल गांधी, वृंदा करात, मनोहर लाल खट्टर समेत देश-प्रदेश के कई बड़े नेताओं ने पीड़ित परिवार के साथ मुलाकात करके इस घटना पर संवेदनाएं व्यक्त की थी। सीएम खट्टर ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। अब तक इस मामले में सात पुलिस कर्मचारी सस्पेंड हो चुके हैं।
इस वजह से उपजा मामला
5 अक्टूबर, 2014 को अपर कास्ट के तीन युवकों की हत्या कर दी गई। तब दलित परिवार पर हत्या का आरोप लगा था। पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। दलितों को डर था कि दबंग पूरी जाति से बदला लेंगे। लिहाजा, बाकी दलित परिवार गांव छोड़कर चले गए। जितेंद्र भी उन्हीं में से था। मामला एससी-एसटी आयोग में गया। आयोग ने फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर से इन परिवारों को दी जाने वाली सुरक्षा के बारे में पूछा। पिछले साल दिसंबर में कमिश्नर ने लिखित में कहा कि जितेंद्र के घर के पास एक पुलिस जिप्सी, आधा दर्जन हथियारबंद जवान और दो बाइक सवार जवान तैनात रहेंगे। एसएचओ खास निगरानी भी करेंगे। इस भरोसे के बाद जितेंद्र और उसका परिवार इस साल जनवरी में गांव लौटा था। इसके बाद यह आगजनी की घटना घटित हो गई।
5 अक्टूबर, 2014 को अपर कास्ट के तीन युवकों की हत्या कर दी गई। तब दलित परिवार पर हत्या का आरोप लगा था। पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। दलितों को डर था कि दबंग पूरी जाति से बदला लेंगे। लिहाजा, बाकी दलित परिवार गांव छोड़कर चले गए। जितेंद्र भी उन्हीं में से था। मामला एससी-एसटी आयोग में गया। आयोग ने फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर से इन परिवारों को दी जाने वाली सुरक्षा के बारे में पूछा। पिछले साल दिसंबर में कमिश्नर ने लिखित में कहा कि जितेंद्र के घर के पास एक पुलिस जिप्सी, आधा दर्जन हथियारबंद जवान और दो बाइक सवार जवान तैनात रहेंगे। एसएचओ खास निगरानी भी करेंगे। इस भरोसे के बाद जितेंद्र और उसका परिवार इस साल जनवरी में गांव लौटा था। इसके बाद यह आगजनी की घटना घटित हो गई।