ज्ञान भंडार
अजय चौटाला की पैरोल पर दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, दिल्ली सरकार ने रखा पक्ष
पानीपत। जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला की पैरोल याचिका पर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अजय चौटाला की पैरोल याचिका खारिज कर दी गई है, उन्हें अब दूसरी याचिका लगाने का अधिकार है। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने उन्हें पैरोल नहीं देने का फैसला किया था। इस फैसले के बाद चौटाला दिल्ली हाईकोर्ट गए हैं। उन्हें पैरोल न देने की जानकारी दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की पीठ के समक्ष दी थी। अधिवक्ता ने बताया कि अजय की अर्जी पर उन्होंने तिहाड़ जेल से उनके मेडिकल स्टेटस व अन्य जानकारी मांगी थी।
अदालत में अजय की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने पिछली सुनवाई में कहा था कि उनके मुवक्किल को जेल में एक साल से अधिक हो चुके है और पैरोल मिलना उनका हक है। उनका कहना था कि उन्हें सरकार की तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने भी पैरोल के लिए दिल्ली सरकार के समझ अर्जी दी थी, जिसके खारिज होने के बाद चौटाला ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। उनकी अर्जी पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है कि आखिर ओमप्रकाश चौटाला की पैरोल किस कारण से रोकी गई थी। बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा चौटाला की पैरोल अर्जी को खारिज कर दिया था। चौटाला बीमारी का हवाला देकर 2 महीने की पैरोल मांग रहे थी।
वहीं इससे पहले चौटाला की पैरोल की अर्जी पर दिल्ली में खासा विवाद हुआ था। दिल्ली सरकार ने उनकी अर्जी पर कई सवाल खड़े किए थे। इसके बाद उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने एक दूसरी अर्जी भी दाखिल की थी, जिसपर दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग विचार कर रहे हैं। तमाम अर्जियां खारिज होने के बाद चौटाला की ओर से आखिरी अर्जी 28 अक्टूबर को लगाई गई थी।
नवंबर 1999 में 3206 शिक्षक पदों का विज्ञापन जारी हुआ।
अप्रैल 2000 में रजनी शेखर सिब्बल को प्राथमिक शिक्षा निदेशक नियुक्त किया गया।
जुलाई 2000 में रजनी शेखर को पद से हटाकर संजीव कुमार को निदेशक बनाया गया।
दिसंबर 2000 में भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई और 18 जिलों में जेबीटी शिक्षक नियुक्त हुए।
जून 2003 में संजीव कुमार इस मामले में धांधली होने का हवाला देकर मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गए।
नवंबर 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने के आदेश दिए।
मई 2004 में सीबीआई ने जांच शुरू की।
फरवरी 2005 में संजीव कुमार से पूछताछ. हुई।
जून 2008 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल।
जुलाई 2011 में सभी आरोपियो के खिलाफ चार्ज फ्रेम कर दिए गए।
दिसंबर 2012 में केस की सुनवाई पूरी हुई।
16 जनवरी 2013 को ओमप्रकाश चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला समेत 55 दोषी करार दिए गए।
22 जनवरी को 10-10 साल की सजा सुनाई गई।