तेंदुए के मुंह पर बर्थडे केक फेंककर दो भाइयों ने बचाई अपनी जान, बाइक पर दिखे पंजे के निशान
भोपाल: खतरनाक जंगली जानवर तेंदुए की इंसानी इलाकों के आस-पास देखे जाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इस बीच मध्य प्रदेश बुरहानपुर जिले से एक हैरान करने वाली घटना समाने आई है। जानकारी के मुताबिक जिले के नेपानगर इलाके में बाईक पर सवाल दो भाइयों का सामना एक तेंदुए से हो गया जिसने करीब आधा किलोमीटर तक उनका पीछा किया। गनीमत रही कि दोनों भाइयों की जान बच गई, लेकिन जिस अकलमंदी से उन्होंने तेंदुए से पीछा छुड़ाया उसके लिए अब उनकी तारीफ हो रही है।
दरअसल, जानकारी के मुताबिक 27 जून की शाम गोराड़िया के रहने वाले फिरोज मंसूरी अपने बेटे के जन्मदिन पर केक लेने भाई साबिर मंसूरी के साथ बर्थडे केक लेने नेपानगर गए हुए थे। वहां से घर लौटने के दौरान अचानक गन्ने के खेत से एक तेंदुआ बाहर आया और उनका पीछा करने लगा। जंगली जानवर की तफ्तार काफी तेज थी और वह बाइक के करीब आता जा रहा था। इतने में बाइक चला रहे भाई ले रफ्तार और बढ़ाई लेकिन तेंदुए ने पीछा करना नहीं छोड़ा।
दोनों भाइयों के पीछे दौड़ी मौत
मौत को इतने करीब देख फिरोज और साबिर के हाथ-पांव ठंडे हो गए, इस बीच बाइक पर पीछे बैठे भाई ने अकल लगाई और बर्थडे केक का डिब्बा तेंदुए के मुंह पर दे मारा। मुंह पर केक का डिब्बा लगने से बौखलाए तेंदुए की रफ्तार कम हो गई और दोनों भाइयों ने अपनी बाइक तेज रफ्तार में दौड़ा ली। किसी तरह जान बचाकर घर पहुंचे फिरोज और साबिर ने देखा कि बाइक के पीछे तेंदुए के पंजे के निशान थे। उनके लिए वह बर्थडे केक किसी तारणहार से कम नहीं था।
बिना उकसावे वयस्क इंसान पर हमला नहीं करते तेंदुए
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 320 किलोमीटर दूर इस घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। फिरोज और साबिर बिना केक लिए ही घर आ गए लेकिन बच्चे की बर्थडे पार्टी पर सुनाने के लिए उन्हें मजेदार कहानी मिल गई। ऐसे बहुत कम मामले सामने आए हैं जब बिना उकसावे के किसी जंगली बिल्ली ने वयस्क इंसान पर हमला किया है। हालांकि इस घटना ने जरूर एक समय के लिए दोनों भाइयों को अपने आखिरी समय का एहसास दिला दिया होगा।
तेंदुए को चाहिए था केक?
बाइक चला रहे फिरोज ने बताया कि जब उसने देखा के तेंदुआ पीछे आ रहा है तो उसने पूरी रफ्तार से बाइक भगाने की कोशिश की। इस बीच पीछे बैठा साबिर केक को बचाने और खुद भी तेंदुए के हमले से बचने की कोशिश कर रहा था। ऐसा भी समय आया जब तेंदुआ उनकी बाइक के बेहद करीब आ गया और उसने केक के डिब्बे पर पंजा मारा। तभी साबिर के दिमाग में आया कि अगर तेंदुए को केक चाहिए तो उसे दे दिया जाए। इसके बाद साबिर ने तुरंत केक का डिब्बा उठाकर तेंदुए के मुंह पर मार दिया।