नई दिल्ली: दिल्ली में 23 करोड़ की चोरी के मामले में पुलिस ने आरोपी ड्राइवर प्रदीप शुक्ला को घटना से कुछ ही दूरी पर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ड्राइवर ने इस पूरी घटना को अकेले ही अंजाम दिया और दिल्ली की सबसे बड़ी चोरी सिर्फ इसलिए कर डाली कि वह अपनी कंपनियों के अधिकारियों से इस बात से नाराज था कि वे उसे कम तनख्वाह भी देते हैं और ज्यादा काम भी करवाते हैं।
22 करोड़ रुपये बरामद
पुलिस ने चोरी किया हुआ पूरा कैश करीब साढ़े 22 करोड़ बरामद कर लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुरुवार शाम करीब 6 बजे विकासपुरी की एक्सेस बैंक से SIS कंपनी की चार कैश वैन निकली, जिनमें करीब 38 करोड़ का कैश था। इन सभी कैश वैन को अलग-अलग एटीएम में पैसे डालने थे। इनमें से जिस कैश वैन को प्रदीप शुक्ला चला रहा था उसमें सबसे ज्यादा रुपये 22.5 करोड़ थे। इस कैश वैन को ओखला इलाके में पहुंचना था, लेकिन जैसे ही कैश वैन ओखला मंडी के पास पहुंची वैन में मौजूद गनमैन विनय पटेल ने टॉयलेट जाने की बात कही। ड्राइवर प्रदीप ने कैश वैन को रोककर विनय को उतारा और वैन को तेजी से आगे ले गया।
चोरी के पैसे से सबसे पहले कपड़े और घड़ी खरीदी
विनय ने प्रदीप को फोन कर यह पूछा कि वैन को कहां ले जा रहे हो, इस पर प्रदीप ने कहा कि यहां ट्रैफिक ज्यादा है, वैन को आगे खड़े करता हूं। उसके बाद प्रदीप ओखला मंडी में ही मर्सिडीज के पुराने शोरूम के पीछे बने गोदाम में कैश वैन ले गया और वहां पर एक बुजुर्ग गार्ड से उसने कहा कि ये मेरा सामान है इसे रख लो मेरे पास अभी गाड़ी नहीं है, सुबह दूसरी गाड़ी लाकर इसे ले जाऊंगा। इसके बाद प्रदीप ने रुपयों से भरे बैग उसी गोदाम में रख दिए और खाली वैन गोविंद पुरी मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी कर दी और वहां से वापस लौटा। फिर उसने रुपयों में से 11 हजार निकालकर अपने लिए कपड़े और घड़ी खरीदी और वापस आकर गोदाम में सो गया।
बलिया का रहने वाला है प्रदीप
पुलिस जांच में यह मालूम पड़ा कि प्रदीप ओखला मुबारकपुर में रहता है। मूलरूप से बलिया का रहने वाला है।
प्रदीप की फोटो के आधार पर पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और देर रात जानकारी के आधार पर गोदाम में छापा मारा। आरोपी प्रदीप गोदाम से पकड़ा गया और कैश वहीं से बरामद हो गया
गांव भागने की फिराक में था प्रदीप
पुलिस की पूछताछ में प्रदीप ने बताया कि इस वारदात को अंजाम देने के लिए पहले कोई प्लानिंग नहीं की थी और वह सुबह बोरों में कैश भरकर दूसरी गाड़ी से अपने गांव बलिया जाने की फिराक में था।