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नसबंदी के बाद 60 महिलाओं को अस्पताल में जमीन पर सुलाया, BJP ने बोला हमला

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले के शेरगढ़ के सेतरावा अस्पताल में गत दिनों हुए नसबंदी कैंप के बाद महिलाओं को जमीन पर ही सुलाने के मामले में राजनीतिक रूप से तूल पकड़ने के बाद एक बार फिर जोधपुर के स्वास्थ्य विभाग की हरकत ने सरकार को शर्मसार कर दिया है. जोधपुर के सीएमएचओ डॉ. बलवंत मण्डा पहले से ही यूटीबी नर्सिंग भर्ती घोटाले को लेकर विवादों में हैं, वहीं अब शेरगढ़ के सेतरावा में नसबंदी करवाने आईं महिलाओं को पलंग न देकर एक ही हॉल में नीचे सुला दिया.

जोधपुर के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामनिवास सेंवर ने सेतरावा ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. धीरज बिस्सा को कारण नोटिस जारी कर खानापूर्ति की है और अब उनसे पूरे प्रकरण की फैक्चुअल रिपोर्ट मांगी है. सेंवर ने बताया कि क्षेत्र में निर्देश जारी किए गए हैं कि नसबंदी शिविर के दौरान उतने ही लाभार्थियों के ऑपरेशन किए जाएं, जितने संसाधन उपलब्ध हों. ज्यादा संख्या होने पर अगला शेड्यूल तय किया जाए.

जानकारी के अनुसार, फील्ड में निर्देश दिए गए हैं कि सेवाएं और गुणवत्ता में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाए. यह घटना वहां हुई है जहां की महिला विधायक मीना कंवर हैं और उन्हीं के इलाके में इस तरह महिलाओं को सुलाने के मामले में चिकित्सा विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि शेरगढ़ ब्लॉक सीएमओ के अंतर्गत आने वाले सेतरावा अस्पताल में 30 जून को 60 महिलाओं की नसबंदी की गई थी, जिन्हें बाद में जमीन पर लेटा दिया गया. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने मुद्दा बनाया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, सांसद पीपी चौधरी, बीजेपी नेता सांवलाराम देवासी सहित कई नेताओं ने इस फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर कर प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाए हैं. पहले से ही जोधपुर सीएमएचओ डॉ बलवंत मण्डा विवादों में रह चुके हैं, लेकिन जब आजतक ने जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह से मामले जानकारी चाही तो वह इस मामले से अनभिज्ञ दिखे.

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