स्पोर्ट्स डेस्क : हाल ही में 12 वर्ष के अभिमन्यु मिश्रा युवा ग्रैंडमास्टर बने थे. अब उनका लक्ष्य शतरंज का विश्व विजेता बनना है. भारतीय मूल के 12 साल के अमेरिकी शतरंज प्लेयर अभिमन्यु बुधवार को रूस के सर्गेई कर्जाकिन का 19 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए दुनिया के युवा ग्रैंडमास्टर हुए थे.
न्यूजर्सी में रहने वाले अभिमन्यु का अगले तीन सालों में सुपर ग्रैंडमास्टर बनने पर ध्यान है. उन्होंने बोला कि मेरा अंतिम लक्ष्य विश्व विजेता बनने का है. लेकिन उससे पहले में 15 साल से पहले में सुपर ग्रैंडमास्टर बनना चाहता हूं.
अभिमन्यु ने काले मोहरों से खेलते हुए भारत के 15 साल के ग्रैंडमास्टर लियोन ल्यूक मेंडोंका को हराकर तीसरा नार्म दर्ज किया था. इसके बाद ही वो दुनिया के युवा ग्रैंडमास्टर बने थे. ये उनके कॅरिअर की बड़ी जीत थी. उन्होंने बोला कि मैं खेलते टाइम इस बारे में नहीं सोच रहा था. लेकिन निश्चित रूप से ये एक अद्भुत एहसास है.
लियोन के खिलाफ आखिरी बाजी कड़ी थी और मैं उसे जीतने में कामयाब रहा. इस जीत के साथ ही मुझे पर से एक बड़ा दबाव हट गया. हम यहां पिछले दो महीने से थी. मैं एक या आधे अंक से बाजी गंवा रहा था. पर आखिरी में सब कुछ मेरे हक में रहा जो बहुत अच्छा लग रहा है.
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दो और ढाई साल की आयु में शह और मात का खेल शुरू करने वाले अभिमन्यु विश्व चैंपियन नार्वे के मैग्नस कार्लसन को अपना आदर्श मानते हैं. मुझे शतरंज इसलिए पसंद है क्योंकि आप बिना कोई नुकसान पहुंचाए अपने प्रतिद्वंद्वी को चित कर सकते हैं.
मुझे माता-पिता का समर्थन मिलता है. उनके बिना मैं ये हासिल करने की कल्पना भी नहीं कर सकता. पांच बार के विश्व विजेता विश्वनाथन आनंद ने अभिमन्यु को उनकी उपलब्धि पर ट्वीट से बधाई दी थी. अभिमन्यु ने बोला कि हां मैंने वो ट्वीट देखा था जिसमें उन्होंने मुझे बधाई दी थी. जब कोई दिग्गज प्लेयर आपके काम की तारीफ करता है तो इसका अहसास ही कुछ और होता है. मैं जल्द ही उनसे मिलना चाहता हूं. उनके खिलाफ खेलना तो अद्भुत होगा.
उनके खिलाफ खेलकर मुझे काफी कुछ सीखने को मिलेगा. सबसे युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर भी हैं. इससे पहले नवंबर 2019 में अभिमन्यु दुनिया के युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर बने थे. तब उन्होंने भारत के आर प्रागनंदा का रिकॉर्ड तोड़ा था.