सीएम वीरभद्र ने पोर्टमोर स्कूल को दिया खास ‘तोहफा’
इससे स्कूल सभागार में होने वाले कार्यक्रमों से पढ़ाई बाधित नहीं होगी, वहीं आपात स्थिति के लिए एक निकास द्वार का काम भी करेगा। पोर्टमोर स्कूल के वार्षिक समारोह में बतौर मुख्यातिथि शरीक हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि पोर्टमोर स्कूल न केवल शहर बल्कि पूरे प्रदेश के नामी स्कूलों में अपनी गुणात्मक शिक्षा के लिए जाना जाता है। यहां की छात्राएं शिक्षा के साथ ही अन्य गतिविधियों में भी अव्वल हैं।
उन्होंने स्कूल की छात्राओं को भरोसा दिलाया कि वे उन्हें किसी कान्वेंट स्कूल से पीछे नहीं होने देंगे। छात्राओं को हर सुविधा देने का सरकार का प्रयास रहेगा। प्रदेश में करीब 1900 शिक्षण संस्थान चल रहे है। इसके अलावा निजी संस्थान भी है। कहा कि पोर्टमोर स्कूल में पढ़ाने के लिए आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाई गईं। मुख्यमंत्री ने पोर्टमोर प्राथमिक पाठशाला में इंग्लिश मीडियम में पढ़ाए करवाए जाने और छात्रों की हर तरह से विकास करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
समारोह में मुख्यमंत्री ने स्कूल के करीब ढाई सौ से अधिक छात्राओं को शिक्षा, खेल और अन्य गतिविधियों में अव्वल रहने पर पुरस्कृत किया। समारोह में प्रधानाचार्य निशा भलूनी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और स्कूल की रिपोर्ट पेश की। वहीं मुख्यमंत्री ने पोर्टमोर प्राथमिक पाठशाला के हेड मास्टर संजीव जिस्टु द्वारा उठाई पुराने भवन को गिराकर नया भवन बनाने की मांग को भी सीएम ने मान लिया। शिक्षा विभाग को इसके लिए बजट जारी करने और लोनिवि को नया भवन निर्माण कार्य करने के आदेश दिए।