नई दिल्ली/देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट कर राज्य से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नीति घाटी और नेलोंग घाटी को इनर लाइन प्रतिबंध से हटाने का अनुरोध करते हुए दो एयर एंबुलेंस उपलब्ध कराने का आग्रह कर गैरसैंण में आपदा प्रबन्धन शोध संस्थान की स्थापना के लिए आग्रह किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री शाह से कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत राज्य सरकार की तैयारियों, चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा पर भी विचार -विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड से नेपाल और चीन की सीमा लगी है। सीमा स्थित गांव दुर्गम भौगोलिक परिस्थिति तथा आर्थिक अवसरों की कमी के कारण वीरान हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में इनर लाइन प्रतिबंध हटाये जाने से पर्यटन के अपार अवसर खुलेंगे और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से वहां से पलायन रुकेगा। इससे संवेदनशील क्षेत्रों में बेहतर सीमा प्रबन्धन में भी सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से चमोली जिले के नीति घाटी और उत्तरकाशी के नेलोंग घाटी ( जाडूंग गांव) को इनर लाइन प्रतिबन्ध से हटाए जाने के प्रस्ताव पर विचार करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य आपदा मोचन निधि के अन्तर्गत केन्द्रांश की द्वितीय किस्त अवमुक्त किये जाने का भी अनुरोध किया। साथ ही उत्तराखण्ड में समय-समय पर आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध मेलों, पर्वों पर तैनात होने वाले केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती, व्यवस्थापन पर होने वाले व्यय को पूर्वोत्तर राज्यों, विशेष श्रेणी के केन्द्रांश, राज्यांश 90:10 के अनुपात में भुगतान की व्यवस्था निर्धारित करने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने राज्य के सीमित आर्थिक संसाधनों के दृष्टिगत उत्तराखण्ड में समय-समय पर तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के फलस्वरूप लम्बित देय धनराशि 47.29 करोड़ रुपये को अद्यतन विलम्ब शुल्क सहित छूट प्रदान करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्राकृतिक आपदा की अत्यधिक संवेदनशीलता के दृष्टिगत विभिन्न महत्वपूर्ण बिन्दु राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को संदर्भित किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से राज्य के लिये 2 एयर एंबुलेंस की मांग की। साथ ही ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आपदा प्रबन्धन शोध संस्थान की स्थापना, आपदा प्रभावित गांवों का विस्थापन एसडीआरएफ निधि के अन्तर्गत अनुमन्य किये जाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित किये जाने के लिए स्थायी व्यवस्था स्थापित करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा जोखिम प्रबन्धन कोष घटकों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करते समय विशेष रूप से पर्वतीय राज्यों की वस्तुस्थिति पर ध्यान दिये जाने का भी आग्रह किया। इस मौके पर उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू,अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन और सचिव शैलेश बगोली भी उपस्थित रहे।