लेखिका अरुंधति रॉय का बड़ा आरोप, ‘हिंदू राष्ट्रवाद के नाम पर ब्राह्मणवाद को बढ़ावा दे रही है मोदी सरकार’
रॉय ने आरोप लगाया कि इतिहास को फिर से लिखा जा रहा है और सरकार ने राष्ट्रीय संस्थानों पर कब्जा जमा लिया है।
वहीं दूसरी ओर अरुंधति रॉय के इस बयान के बाद उनका भी विरोध शुरु हो गया। रॉय के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एबीवीपी ने उन्हें राष्ट्रविरोधी, पाकिस्तान समर्थक और भारतीय सेना विरोधी करार दिया। बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
एबीवीपी ने आयोजकों को एक ज्ञापन सौंपकर कहा कि रॉय ने अपने राष्ट्र विरोधी रवैये से सभी भारतीयों की संवेदनाएं आहत की है। पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में रॉय की मौजूदगी से नाराज बीजेपी की छात्र शाखा एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया।
इस कार्यक्रम में रॉय को समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम पर दिया जाने वाले महात्मा फुले समानता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
गौरतलब है कि अरुंधति रॉय उन लेखकों में शामिल हैं जिन्होंने हाल ही में देश में ‘बढ़ती असहिष्णुताÓ के खिलाफ पुरस्कार लौटाया है। रॉय को 1989 में फिल्म ‘इन विच एन्नी गिव्स इट दोज वन्सÓ की सर्वश्रेष्ठ पटकथा लिखने के लिए राष्ट्रीय अवॉर्ड मिला था।