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अदालत ने 172 पेज में पेश की नवाब खानदान के सम्पत्ति बंटवारे की योजना

मुरादाबाद : जिला जज ने रामपुर नवाब खानदान की सम्पत्ति बंटवारे को लेकर बृहस्पतिवार को विभाजन योजना पेश की। 172 पेज में तैयार इस योजना पर आपत्ति पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। तीन सौ करोड़ की शत्रु संपत्ति के मामले में अलग से फैसला होगा। नवाब खानदान की रामपुर में 26 सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। लंबे समय से इसकी बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। 31 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए थे।

बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई। उन्हें बंटवारा दिसंबर 2020 तक करना था, लेकिन कोरोना की वजह से अदालतें लंबे समय तक बंद रहीं और बंटवारे की प्रक्रिया भी लटक गई। इसके बाद छह माह का समय और दिया गया। यह अवधि भी 30 जून को पूरी हो गई। गुरुवार को जिला जज की अदालत में फिर सुनवाई हुई। उन्होंने वकीलों के सामने पार्टीशन स्कीम पेश की। ‌ इस मामले में 11 पक्षकारों की वकालत कर रहे पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता हर्ष गुप्ता ने बताया कि पार्टीशन स्कीम 172 पेज की है। इसकी प्रमाणित कॉपी लेने के बाद पता लगेगा कि किसके हिस्से में कौन सी संपत्ति आई है।

जिला जज ने इस पर आपत्ति पेश करने के लिए भी 15 दिन का समय दिया है। अगर किसी को कोई आपत्ति होगी तो वह इस अवधि में अदालत में अपनी बात रखेगा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के पूर्व एयर चीफ मार्शल अब्दुल रहीम खान की पत्नी मेहरून्निसा बेगम पक्षकार हैं। उनकी संपत्ति को भारत सरकार के सहायक शत्रु संपत्ति अभिरक्षक ने शत्रु संपत्ति बताते हुए कोर्ट में जो प्रार्थना पत्र दिया था, उस पर बाद में फैसला होगा। मेहरून्निसा बेगम के हिस्से में करीब 300 करोड़ की संपत्ति आ रही है। इस मुकदमे में उनकी मां भी पक्षकार थी, लेकिन उनकी मौत हो चुकी है। इसलिए मां के हिस्से की संपत्ति भी मेहरून्निसा बेगम के हिस्से में आ रही है। इन दिनों में वह अमेरिका में रह रही हैं।

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