स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो ओलंपिक में भारत की ओर से एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि इस बार 26 एथलीटों का एथलेटिक्स में खेलेगा. वही लंबे समय बाद एथलेटिक्स में कोई एथलीट पदक का दावेदार बोला जा रहा है, इस बारे में सबकी निगाह जेवलिन थ्रोवर नीरज चोपड़ा है और जूनियर विश्वकीर्तिमानधारी, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल के विजेता नीरज चोपड़ा से इस बार टोक्यो में देश को बड़ी उम्मीद है.
वैसे विशेषज्ञों की मानें तो पंजाब की डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर छुपी रुस्तम साबित हो सकती है. दरअसल उन्होंने इंडियन ग्रांप्री में राष्ट्रीय कीर्तिमान के साथ 66.59 मीटर थ्रो की है. वही पूर्व चीफ कोच द्रोणाचार्य अवार्डी बहादुर सिंह एथलीटों के हालिया प्रदर्शन के मद्देनजर ओलंपिक में एथलीटों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का दावा कर रहे है.
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इससे पहले सिर्फ तीन भारतीय जेवलिन थ्रोअर (गुरतेज सिंह 1984, जगदीश बिश्नोई, गुरमीत कौर 2000) ही ओलंपिक में खेल सके है, इस बार नीरज चोपड़ा, शिवपाल सिंह और मेरठ की अनू रानी ओलंपिक में खेलने वाले है.
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नीरज के नाम 88.07 मीटर का राष्ट्रीय कीर्तिमान है. इस प्रदर्शन से उन्हें पदक का दावेदार बोला जा रहा है. वही चंदौली (यूपी) के शिवपाल में भी 85.47 मीटर की थ्रो के साथ ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया हैं. महिला डिस्कस थ्रो में कमलप्रीत कौर और सीमा पूनिया ओलंपिक में चुनौती देंगे.
सीमा तीन ओलंपिक खेली है तो कमलप्रीत ने अपने हालिया प्रदर्शन के अलावा दो दिन पहले ही प्रैक्टिस के दौरान लगातार 63 मीटर से ऊपर की कई थ्रो लगाईं. 66.59 के उनके प्रदर्शन के बाद बहादुर सिंह मानते हैं कि इस थ्रोअर में 70 मीटर तक डिस्कस फेंकने की क्षमता है.
वैसे कमलप्रीत ने अभी तक कोई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट नहीं खेला है. वैसे जिस तरह से भारतीय एथलीटों का हाल में प्रदर्शन देखने को मिला है. उससे मुझे उम्मीद है कि चार से पांच एथलीट इस बार कम से कम फाइनल में होंगे. नीरज चोपड़ा, कमलप्रीत कौर, 21.49 मीटर गोला फेंकने वाले तेजिंदर पाल सिंह तूर, तीन हजार मीटर स्टीपलचेज में 8.20.20 मिनट का समय निकालने वाले अविनाश साबले ऐसे एथलीट हैं जो फाइनल में जगह बना सकता हैं.
मुझे पुरुषों की चार गुणा चार सौ मीटर रिले टीम से भी उम्मीद है. अमोज जैकब ने अगर अपना सर्वश्रेष्ठ किया तो भारतीय टीम फाइनल में जगह बना सकती है. भारतीय टीम के पूर्व चीफ कोच बहादुर सिंह दो बार के एशियाई खेल स्वर्ण पदक विजेता व द्रोणाचार्य अवार्डी शॉटपुटर है.
वैसे एथलीट में मिल्खा सिंह 1960, जीएस रंधावा 1964, श्रीराम सिंह 1976, पीटी ऊषा 1984, अंजू बॉबी 2004, कृष्णा पूनिया, विकास गौड़ा 2012, ललिता बाबर 2016 ओलंपिक के फाइनल में पहुंचे हैं. बताते चले कि रियो ओलंपिक में भी 34 एथलीटों ने खेला था. वही आखिरी बार 2004 के एथेंस ओलंपिक में लॉंग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज पदक की दावेदार थीं.