दिल के प्रति रहें जागरूक
शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग दिल माना जाता है लेकिन आज के इसे बदलते परिवेश के खानपान ने दिल को बीमार बना दिया है। आज भारत में हर पाँचवाँ व्यक्ति दिल बीमारी से जुझता नजर आता है। हृदय रोगियों को हमेशा यह उलझन रहती है कि वे किस प्रकार का भोजन करें या किस प्रकार के भोजन का त्याग करें। इस संबंध में हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि रोगी को अपने खान-पान में विशेष सलाह लेनी चाहिए। अधिक कोलेस्ट्रॉल का सेवन हृदय रोगियों के लिए हानिकारक होता है।
तनाव के कारण मस्तिष्क से जो रसायन स्रावित होते हैं वे हृदय की पूरी प्रणाली खराब कर देते हैं। तनाव से उबरने के लिए एक तरह से योग का भी सहारा लिया जा सकता है। हृदय हमारे शरीर का ऐसा अंग है जो लगातार पंप करता है और पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को संचालित करता है। हृदय संचार प्रणाली के मध्य में होता है और धमनियों और नसों जैसी रक्त वाहिनियां अशुद्ध रक्त को शरीर के हर भाग से हृदय तक ले जाती हैं और शुद्ध रक्त को हृदय से शरीर के हर भाग तक पहुंचाती हैं। इस साल विश्व स्वास्थ्य संगठनने कार्यालय में काम करने वाले लोगों को हृदय के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का उद्देश्य रखा है। आज हमारे जीवन का आधे से भी ज्यादा समय हमारे कार्यस्थल/ऑफिस में बीतता है। ऐसे में हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि अपनी कार्यप्रणाली के अनुरूप दिल की सेहत वैâसे दुरुस्त रहे। दिल के स्वास्थ्य के लिए इसे अपना सकते हैं।
— हरी पत्तेदार सब्जियों तथा फल का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
– यदि रोगी धूम्रपान, शराब या अन्य किसी नशीली वस्तु का सेवन करता है तो उसे शीघ्र ही इन पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए।
– अत्यधिक चिन्ता नहीं करनी चाहिए।
– हृदय रोगी को नमक, मिर्च तथा तले-भुने भोजन का प्रयोग कम से कम करना चाहिए या हो सके तो नहीं करना चाहिए।
– हृदय रोगी को प्रसन्नचित्त रहना चाहिए तथा मानसिक शांति के लिए ध्यान मेडीटेशन करना चाहिए।
– आँवला तथा लहसुन का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए।
-हृदय रोगियों को विशेषकर करना चाहिए।
– घी, मक्खन इत्यादि का सेवन कम से कम करना चाहिए।
– हल्के-फुल्के व्यायाम तथा सुबह की सैर को अपनी जीवनचर्या में अवश्य शामिल करना चाहिए।