बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से, सदानंद सिंह बने प्रोटेम स्पीकर और प्रेम कुमार नेता विपक्ष
पटना. बिहार 16वीं बिहार विधानसभा का शीतकालीन और पहला सत्र सोमवार यानी आज से शुरू होगा. वरिष्ठ कांग्रेस नेता सदानंद सिंह विधानसभा के अस्थाई अध्यक्ष होंगे. राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने नौंवी बार विधायक बने सदानंद सिंह को रविवार को अस्थाई अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाई.
भागलपुर जिले के कहलगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक सिंह ने कहा कि एक अस्थाई विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर उनका कार्य सदस्यों के शपथ ग्रहण और दो दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद समाप्त हो जाएगा. उसके बाद वह विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर अपना काम फिर से शुरू करेंगे.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 20 नवम्बर को जब यहां नीतीश कुमार सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आए थे तब उन्होंने घोषणा की थी कि सदानंद सिंह कांग्रेस विधायक दल के नेता होंगे.
प्रेम कुमार होंगे नेता प्रतिपक्ष
बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायकों ने प्रेम कुमार को अपना नेता चुना है. इसके साथ ही तय हो गया है कि प्रेम कुमार नेता प्रतिपक्ष भी होंगे. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष मंगल पांडे ने बताया कि वरिष्ठ पार्टी विधायक प्रेम कुमार को बिहार विधानसभा में भाजपा विधायक दल का निर्विरोध नेता चुना गया है. बिहार विधानसभा के शुरू हो रहे नए सत्र से पहले बीजेपी के 53 विधायकों ने प्रेम कुमार को अपना नेता चुना. इनमें से 23 पहली बार विधायक चुने गए हैं.
प्रेम कुमार का संबंध अति पिछड़ा वर्ग से है. वह गया शहर से सातवीं बार विधायक चुने गए हैं. वह मंत्री रह चुके हैं. कुमार के चुनाव से इन अटकलों पर विराम लग गया है कि पटना शहर के विधायक नंद किशोर यादव फिर से भाजपा विधायक दल के नेता चुने जा सकते हैं. पिछली विधानसभा में नंद किशोर यादव बीजेपी विधायक दल के नेता और नेता प्रतिपक्ष थे.
बीजेपी नेताओं ने बताया कि यादव विधायक दल का नेता बनना चाहते थे. लेकिन, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनकी जगह एक नए चेहरे प्रेम कुमार को चुना. इन नेताओं का कहना है कि यादव को बिहार में पार्टी की करारी हार का खामियाजा भुगतना पड़ा है. बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल युनाइटेड और कांग्रेस के महागठबंधन ने 243 विधानसभा सीटों में से 178 पर जीत हासिल की है.
ऐसे चलेगा सदन
सोमवार को नवनिर्वाचित विधायक सदन की सदस्यता की शपथ लेंगे. यह प्रक्रिया दो दिनों तक चलेगी. पहले दिन सबसे पहले मंत्रियों को वरीयता क्रम में सदन के सदस्य के रूप में शपथ दिलाई जाएगी. इसके बाद विधायकों की बारी आएगी, जो विधानसभा क्रम संख्या के हिसाब से पांच भाषाओं में से किसी एक में शपथ ले सकते हैं. हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, मैथिली और संस्कृत भाषा विकल्प के रूप में मौजूद हैं.
विधानसभा सत्र 8 दिसंबर तक चलेंगे. इसमें छह बैठकें प्रस्तावित हैं. किसी कारणवश आठ दिसंबर के बाद भी सत्र चलाना जरूरी हुआ तो इसकी घोषणा बाद में नए अध्यक्ष द्वारा कार्यमंत्रणा समिति के परामर्श के बाद की जा सकती है.
द्वितीय अनुपूरक बजट के लिए सत्ता पक्ष की तैयारियों को देखते हुए माना जा रहा है कि सत्र की अवधि एक-दो दिनों के लिए बढ़ाई जा सकती है. नए सदस्यों के स्वागत को विस पूरी तरह तैयार है.