लोकसभा स्पीकर ने कागज फेंकने की घटना को बताया दुखद, जानिए आज क्या-क्या हुआ
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लोकसभा में पास दो बिलों में हवाई यात्रा के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने और जलमार्ग यातायात में जरूरी सुधार पर मुहर लगी। भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक पेश करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, यह क्रांतिकारी कदम है और इससे देशभर में हवाई यात्रा संबंधी आधारभूत ढांचे का जाल बिछेगा। इसमें महाविमानपत्तन की परिभाषा को संशोधित करने का प्रावधान है। इससे छोटे हवाईअड्डों के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
जिन हवाईअड्डों में अभी यातायात की संभावना कम होने के साथ हानि के कारण तर्कसंगत प्रतिस्पर्धी बोलियां आमंत्रित करने की संभावना नहीं है, वहां सार्वजनिक निजी भागीदारी से अधिक हवाईअड्डों का विकास सुदूर एवं दूरस्थ क्षेत्रों में वायु सम्पर्क का विस्तार करेगा। वहीं अंतरदेशीय जलयान विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, 2017 में निर्मित भारतीय जहाज अधिनियम में वर्तमान परिस्थतियों में व्यापक सुधार की जरूरत है। जहाजों की सुरक्षा, पंजीकरण एवं सुगम परिचालन के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है। इससे प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। जहाजों के पंजीकरण की व्यवस्था एक जगह होगी। जहाजों के परिचालन के लिए अलग-अलग राज्यों की मंजूरी नहीं लेनी होगी। ऐसी सभी प्रक्रियाओं को केंद्रीकृत कर दिया गया है।
बिड़ला ने लगाई विपक्षी सांसदों को फटकार लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने गुरुवार को कहा कि एक दिन पहले कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा चेयर की ओर कागज के टुकड़े फेंकने की घटना से मैं बहुत आहत हुआ हूं। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी पंचायत में इस तरह का आचरण कतई स्वीकार्य नहीं है। उल्लेखनीय है कि बुधवार को कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला, टीएन प्रथपन, इबी ईडेन और कुछ अन्य सदस्यों ने लोकसभा चेयर की ओर कागज के टुकड़े फेंके थे।
गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बिड़ला ने कहा, मैं 28 जुलाई को हुई घटना से बहुत दुखी हूं। चेयर की ओर कागज फेंकना, चेयर का अपमान करना संसदीय व्यवहार के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, ‘अगर आप संसदीय व्यवहार का सम्मान नहीं करेंगे तो संसदीय प्रक्रिया कैसे मजबूत होगी? मेरा प्रयास है कि सभी सदस्यों को अपने मुद्दों को उठाने और उन्हें उनका उचित सम्मान देने के लिए पर्याप्त समय मिले।’
लोकसभा स्पीकर ने सदस्यों से कहा, ‘ऐसी कृत्य जो संसदीय व्यवहार के अनुरूप नहीं हैं… दोबारा नहीं होने चाहिए। अगर ऐसी घटनाएं दोबारा हुईं तो मुझे आपके सहयोग की जरूरत होगी। मैं ऐसे सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करूंगा जिससे हम संसद की मर्यादा को बचाए रख सकें।’ बता दें कि विपक्षी दल संसद में केंद्र की ओर से लाए गए कृषि कानून, पेगासस जासूसी मुद्दे समेत अन्य मामलों पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
बिड़ला ने कहा, ‘हम इसे (लोकसभा को) लोकतंत्र का मंदिर मानते हैं। यह विश्वास की भावना भी देता है कि अध्यक्ष सभी के साथ न्याय करेगा और निष्पक्ष रहेगा। अगर चेयर से संबंधित कोई सवाल है तो आप मुझे मेरे कक्ष में बता सकते हैं। मैं अध्यक्ष पद की गरिमा बनाए रखने के लिए आपके सुझावों को स्वीकार करने की कोशिश करूंगा। लेकिन हमें मिलकर तय करना होगा कि हम सदन की गरिमा को किस तरह से बढ़ा सकते हैं।’
10 सांसदों के निलंबन पर रस्साकसी आसन पर बुधवार को कागज फाड़कर फेंकने में शामिल करीब 10 सांसदों के निलंबन पर सरकार और विपक्ष के बीच रस्साकसी जारी है। सरकार ने बुधवार को कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 10 सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव लाने की योजना बनाई थी। हालांकि गुरुवार को स्पीकर के साथ हुई बैठक में विपक्ष ने इस मामले में खेद जताने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव न लाने पर सहमति भी बनी। लेकिन बाद में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार को निशाना बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने हंगामे के लिए सरकार के रवैये को जिम्मेदार ठहराया।
इस पर अधीर रंजन चौधरी और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, वर्तमान लोकसभा ने कार्यवाही के मामले में मिसाल कायम की है। जाहिर तौर पर विपक्ष के सहयोग के बिना यह संभव नहीं था। वर्तमान स्थिति सरकार के हठपूर्ण रवैये से कायम हुई है। सरकार विपक्ष को सुनना नहीं चाहती। इस पर जोशी ने अधीर को बुधवार की घटना के लिए खेद जताने के लिए कहा। फिर सदन में हंगामा शुरू हो गया और कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित हो गई। फिर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।