मां-बाप का दुख कम करने बनाई अनोखी डॉल्स, इस बेबी डाल्स को जाना जाता है रीबॉर्न डॉल्स के नाम से
लंदन: जिन मां-बाप के बच्चों की मौत हो जाती है उनका दुख को थोड़ा कम करने के लिए एक अनोखी प्रकार की गुड़िया तैयार की गई हैं, जिन्हें रीबॉर्न डॉल्स के नाम से जाना जाता है। रीबॉर्न डॉल एक ऐसी गुड़िया होती हैं जिसे बनाने वाले आर्टिस्ट उसे पूरी तरह से मानव शिशु का रूप दे देते हैं, जिन्हें देखने पर वो इंसानों के असली बच्चे जैसी ही लगती हैं।
जानकारी के मुताबिक इसे एक वास्तव में इंसान के बच्चे की तरह दिखने और महसूस करने के लिए डिजाइन किया गया है। बच्चे की तरह गुड़िया को गले लगाना और प्यार करना शायद देखने और सुनने में अजीब लगे लेकिन इन रीबॉर्न डॉल्स के ट्रेंड में आने का सबसे बड़ा कारण यह है कि जिन माता-पिता ने अपने बच्चे को खो दिया है, इन डॉल्स की मदद से उन्हें बेहतर महसूस कराया जा सकता है और कुछ समय के लिए बच्चे को खोने का उनका दर्द कम किया जा सकता हैं। आपको बता दें कि असल में एक बच्चे को खोने के दुख और दिल तोड़ देने वाली परिस्थितियों से उबरने में माता-पिता के लिए यह गुड़िया सहारा बन रही हैं।
जानकारी के मुताबिक इसकी मदद से अवसादऔर यहां तक कि पीटीएसडी के प्रभावों को कम करने में मदद मिल रही है। जानकारी के मुताबिक इसे बनाने वाली इंडस्ट्री में सेलिब्रिटी स्टैम्प भी है। दरअसल, कोर्टनी स्टोडेन ने साल 2016 में सोशल मीडिया पर अपनी बेबी डॉल को दिखाया था। कर्टनी के मामले में, सेलिब्रिटी के गर्भपात के तुरंत बाद उनके डॉक्टर ने उन्हें शुरू में एक गुड़िया के साथ रहने का सुझाव दिया था। स्टोडेन ने अपने प्रशंसकों के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में गुड़िया को दिखाते हुए कहा, “बच्चा यहां है, हे भगवान, मैं बहुत घबराई हुई हूं। यह नाजुक है। मैं उसे चोट नहीं पहुंचाना चाहती।”
इसके बाद उन्होंने अपने पालतू कुत्ते को बच्चे को दिखाते हुए कहा “देखो तुम्हारा भाई।” अपने बच्चे को खो देना या जन्म के दौरान बच्चे की मौत होने की ख़बर मिलना यकीनन किसी भी मां और बाप के लिए दुखों का पहाड़ टूटने से कम नहीं होता होगा। जो मां महीनों तक अपने गर्भ में बच्चे की देखभाल करती है, वो उसकी मृत्यु के बारे में सुनकर कैसा महसूस करती होगी, यह शायद उसके सिवा कोई और समझ भी नहीं सकता। जानकारी के लिए बता दें कि यह गुड़िया आमतौर पर सिलिकॉन की बनाई जाती हैं, जो मानव त्वचा जैसी लगती हैं। जिसके बाद इन्हें बनाने बाले कलाकार इनहें हाथ से पेंट करते हैं, यहां तक कि नकली पलकें और वेन्स भी बनाते हैं ताकि यह असली लग सकें।