फीचर्डराष्ट्रीय

‘इंटरनेशनल डे ऑफ़ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीज़’ को पूरा विश्व याद करेगा: मोदी

Pm-Modiदस्तक टाइम्स/एजेंसी-
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रेडियो पर 14वीं बार देश से ‘मन की बात’ की। देश में कथित असहिष्णुता पर जारी बहस के बीच राष्ट्रीय एकता को सर्वोपरि और आंतरिक सतर्कता को स्वतंत्रता की पूंजी करार देते हुए प्रधानमंत्री ने आज कहा कि वह ‘ एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को योजना का रूप प्रदान करना चाहते हैं । उन्होंने इसके लिए लोगों से सुझाव मांगे। आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यहां कहा कि 31 अक्तूबर को सरदार पटेल की जयंती के दिन उन्होंने एक भारत, श्रेष्ठ भारत की चर्चा की थी। ये ऐसी चीज है जिसे लेकर सामाजिक जीवन में निरंतर जागरूकता बनी रहनी चाहिये। उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रयाम जाग्रयाम व्यम’ यह स्वतंत्रता बनाने रखने में आतंरिक सकर्तता के महत्व को रेखांकित करता है। देश में एकता की संस्कार सरिता चलती रहनी चाहिए। मोदी ने कहा, ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ इसको मैं एक योजना का रूप देना चाहता हूं। इस बारे में मैंने माईजीओवी पर सुझाव मांगे हैं। कार्यक्रम की रूपरेखा कैसी हो ? लोगो क्या हो? जन-भागीदारी कैसे बढ़े? क्या रूप हो? सारे सुझाव के लिए मैंने कहा था।’’ उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया कि काफी सुझव आ रहे हैं लेकिन मैं और अधिक सुझावों की अपेक्षा करता हूं। बहुत विशिष्ट योजनाओं के बारे में राय की अपेक्षा करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया है कि इसमें हिस्सा लेने वालों को प्रमाणपत्र दिया जाएगा। कोई बड़े पुरस्कार भी घोषित किए गए हैं। आप भी अपना रचनात्मक मस्तिष्क लगाइए। एकता अखंडता के इस मंत्र को, एक भारत, श्रेष्ठ भारत मंत्र को कैसे एक-एक हिन्दुस्तानी को जोडऩे वाला बना सकते हैं। कैसी योजना हो, कैसा कार्यक्रम हो। जानदार भी हो, शानदार भी हो, प्राणवान भी हो और हर किसी को जोडऩे के लिए सहज सरल हो। सरकार क्या करे? समाज क्या करे? नागरिक समाज क्या करे? बहुत सी बातें हो सकती हैं। इन सभी बातों पर सुझाव दें।जैविक खेती के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि फसल के अवशेष भी बहुत कीमती और अपने आप में जैविक खाद होते हैं और एेसे में खेतों में उन्हें आग लगाना ठीक नहीं है क्योंकि इससे जमीन की उपरी परत जल जाती है तथा पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। प्रधानमंत्री के इस बयान को एेसे समय में महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब कई रिपोर्टो में पंजाब में खेतों में फसलों के अवशेष को आग लगाने को दिल्ली एवं हरियाणा में प्रदूषण स्तर बढऩे से जोड़ा गया है। आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में जालंधर के लखविंदर सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था। मोदी ने कहा कि पूरे हिन्दुस्तान में यह हम लोगों की आदत है और परंपरागत रूप से हम इसी प्रकार से अपनी फसल के अवशेषों को जलाने के रास्ते पर चल रहे हैं। एक तो पहले हमें इससे होने वाले नुकसान का अंदाजा नहीं था। सब करते हैं इसलिए हम करते हैं वो ही आदत थी। दूसरा, इसका उपाय क्या होता हैं उसका भी प्रशिक्षण नहीं था और उसके कारण ये चलता ही गया।जलवायु परिवर्तन के प्रभावों एवं पूरे विश्व की चितांओं का जिक्र करते हुए मोदी ने आज कहा कि पृथ्वी के तापमान को नियंत्रण में रखना सबकी जिम्मेदारी है और प्राकृतिक आपदा एवं अन्य रूपों में इसके विनाशकारी प्रभावों से निटपटने के लिए सरकारों एवं हर छोटी बड़ी संस्थाओं को वैज्ञानिक तरीके से काम करना होगा। प्रधानमंत्री ने पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर होने वाली शिखर बैठक में हिस्सा लेने जाने से पहले मन की बात कार्यक्रम में कहा, ‘‘पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन से चिंतित है।जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग की डगर-डगर पर उसकी चर्चा भी है चिंता भी है और हर काम को अब करने से पहले एक मानक के रूप में इसको स्वीकृति मिलती जा रही है। पृथ्वी का तापमान अब बढऩा नहीं चाहिए। ये हर किसी की जिम्मेदारी भी है चिंता भी है। और तापमान से बचने का एक सबसे पहला रास्ता है.. ऊर्जा संरक्षण।’’उन्होंने कहा, ‘‘जब एक अंग दूसरे शरीर में प्रत्यारोपित किया जाता है, तो न उस अंग को बल्कि एक शरीर को भी नया जीवन मिलता है।’’

Related Articles

Back to top button