पटना: लालू प्रसाद के बेटे और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद को नई विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक दल नेता तथा आरजेडी प्रमुख की पत्नी राबड़ी देवी को आरजेडी विधानमंडल दल की नेता चुना गया है। हालांकि घोषणा के बाद विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इसे ‘परिवारवाद की राजनीति का खुला प्रदर्शन’ बताया है।
लालू प्रसाद के करीबी और विधायक भोला यादव ने बताया कि पार्टी के विधायकों ने लालू यादव को निर्णय लेने के लिए पूर्व में अधिकृत किया था। उन्होंने अपने निर्णय की घोषणा आज की। तेजस्वी यादव राज्य के उप मुख्यमंत्री हैं, जबकि राबड़ी देवी राज्य विधान परिषद की सदस्य हैं।
तेजस्वी को लालू का उत्तराधिकारी बनाए जाने का इशारा
बिहार के वैशाली जिला के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार निर्वाचित हुए तेजस्वी की यह नियुक्ति आरजेडी प्रमुख लालू यादव द्वारा अपने छोटे बेटे को स्पष्ट रूप से अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने के प्रयास को दर्शाती है। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में आरजेडी ने 80 सीटों पर जीत दर्ज की है।
बीजेपी ने बताया ‘परिवारवाद की राजनीति का खुला प्रदर्शन’
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी और राबड़ी के चयन को ‘परिवारवाद की राजनीति का खुला प्रदर्शन’ बताया। प्रेम ने कहा कि 1990 से 2005 तक सभी ने राजद के 15 साल के शासनकाल के दौरान लालू प्रसाद की ‘परिवारवाद की राजनीति को देखा है। उन्होंने कहा कि लालू केवल परिवारवाद में विश्वास रखते हैं।
तेजस्वी ने दिया आरोपों पर जवाब
बीजेपी द्वारा अपने चयन पर प्रश्न उठाए जाने पर तेजस्वी ने कहा कि जब जनता ने उन्हें (वे और उनके बड़े भाई तेज प्रताप) को स्वीकार कर लिया और हमें चुना ऐसे में बीजेपी उसमें खोट क्यों ढूंढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वे अपनी भारी जिम्मेवारी से अवगत हैं और अपने स्तर पर बेहतर प्रदर्शन की कोशिश करेंगे।