निर्दोष को दोषी ठहराना पुलिस को पड़ा महंगा, कोर्ट ने वेतन से हर्जाना भरने का दिया आदेश
मिर्जापुर, 11 अगस्त 2021 (अजय ओझा) : मिर्जापुर पुलिस द्वारा निर्दोष व्यक्तियों को आये दिन फर्जी मुकदमों में फंसाये जाने की हमेशा शिकायतें मिलती रहती है मगर पहली बार पुलिस को एक निर्दोष को दोषी ठहराना मंहगा पड़ गया जिसकी चर्चा जनपद मे जोरों पर है। जनपद के कोतवाली देहात पुलिस द्वारा एक व्यक्ति को फर्जी एनडीपीएस के एक मुकदमें में फंसाना न केवल थानाध्यक्ष बल्कि बड़े पुलिस अधिकारियों को भी महंगा पड़ गया।
एक प्रकरण में न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम वायु नंदन मिश्रा ने दोषी पुलिस कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने और विभागीय कार्यवाही करने के साथ साथ 25000 रुपए का हर्जाना लगाया है। हर्ज़ाने की वसूली ज़िम्मेदार पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन से वसूल करने का आदेश दिया है। थाना कोतवाली देहात मीरज़ापुर के पुलिस द्वारा अभियुक्त रामकरन पटेल निवासी बोर्रा, थाना रानीगंज,जिला प्रतापगढ़ को एनडीपीएस में ग़लत तरीक़े से अवैध माँग की पूर्ति नहीं होने के कारण गलत साक्ष्य बनाकर फ़र्ज़ी तरीक़े से चालान कर दिया गया था। न्यायालय ने मामले की जाँच पुलिस से करायी लेकिन पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत और साँठगाँठ के कारण पुलिस ने अपनी जाँच रिपोर्ट ग़लत तरीक़े से भेजते हुए अपने पुलिस कर्मचारियों को निर्दोष बताया।
न्यायालय द्वारा जाँच की गंभीर ख़ामियों को देखते हुए जाँच को स्वीकार करने से इंकार कर दिया और अपने स्तर से मामले की जाँच करने और उससे सम्बंधित फ़ाइल में पीड़ित के निर्दोष होने के प्रमाण पाते हुए पीड़ित को रिहा कर दिया। रामकरन पटेल को पुलिसकर्मियों द्वारा पुलिस अधिकारियों की साँठगाँठ और उनकी जानकारी में गलत तरीक़े से फ़र्ज़ी साक्ष्य बनाते हुए एनडीपीएस के मुक़दमे में फँसायें जाने की कार्यवाही को न्यायालय ने पीड़ित के मानवाधिकारों का उल्लंघन मानते हुए पीड़ित को 25000 रुपए का मुआवज़ा दिए जाने का आदेश प्रदान किया है।
फ़र्ज़ी तरीक़े से काग़ज़ों की रचना कर गलत तरीक़े से रामकरन पटेल को फ़र्ज़ी मुक़दमे में फ़साने के लिए उसको गिरफ़्तार करने वाली पुलिस टीम जाँच करने वाले पुलिस अधिकारी और उसकी देखरेख करने के लिए ज़िम्मेदार थानाध्यक्ष, पुलिस क्षेत्राधिकारी इन सबके विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करने और विभागीय कार्यवाही करने का आदेश दिया है। मुआवज़े की धनराशि को इन्ही पुलिसकर्मियों और पुलिस अधिकारियों के वेतन से वसूल करने का आदेश भी न्यायालय ने दिया है । न्यायालय ने इस जिलें में तमाम लोगों को एनडीपीएस के फ़र्ज़ी मामलों में फँसायें जाने को लेकर पुलिस विभाग पर नाख़ुशी ज़ाहिर की है और इस तरह के कार्यों को रोके जाने के लिए तथा इसके लिए ज़िम्मेदार पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश और प्रमुख सचिव गृह तथा अपर मुख्य सचिव गृह को आदेश दिया है।