नई दिल्ली: जब से देशभर में प्रदूषण जांच वाली मशीनें लगाई गई हैं, तब से आनंद विहार ने एक अजब सी शोहरत हासिल की है। वह देश के सबसे प्रदूषित इलाकों में बार-बार अव्वल आ रहा है। सवाल है, इसकी वजह क्या है?
गाजीपुर का डंपिंग ग्राउंड कहने को आनंद विहार से एक-डेढ़ किलोमीटर दूर है, लेकिन यहां आने वाले कूड़े से लदे ट्रक आनंद विहार के आसपास से ही गुजरते हैं। जब वो यहां दाखिल होते हैं तो धूल का जो गुबार उड़ता है, वह पूरी हवा को जैसे जहरीला बना देता है। रही-सही कसर तब पूरी हो जाती है जब ये कूड़ा जलाने के लिए आग लगाई जाती है।
आनंद विहार वो इलाका है जहां रेलवे टर्मिनल भी है, मेट्रो स्टेशन भी है और अंतरराज्यीय बस अड्डा भी है। दूसरे राज्यों से आ रही डीजल से चलने वाली बसें भी इस हवा में अपना हिस्सा डाल देती हैं। सड़क पर ट्रैफिक का भारी दबाव रहता है, जिसकी वजह से धूल और धुआं अक्सर मिलते हैं।
साथ ही इससे बिल्कुल लगा हुआ पटपड़गंज और साहिबाबाद औद्योगिक इलाका भी इस धुएं में अपना धुआं फेंट देता है। इतना ही नहीं पार्टिकुलेट मैटर में इजाफा की बड़ी वजहों में वहां से लगे यूपी रोडवेज का बस अड्डा और साथ में एनएच 24 जहां से दिन-रात बड़ी-बड़ी गुजरती गाड़ियां हैं।