स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने एक स्वर्ण, दो रजत व चार कांस्य सहित सात पदक जीतने वाले शानदार प्रदर्शन से प्रेरणा लेते हुए भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी अब टोक्यो पैरालंपिक खेलोें में पदकों पर मजबूत दावेदारी करेेंगे. इन खेलों में भारतीय पैरा शटलरों का पदकों का दावा इसलिए भी मजबूत बनना हैं कि सात सदस्यीय टीम में अपने-अपने वर्गा में वर्ल्ड रैंकिंग में दो खिलाड़ी नंबर वन, दो खिलाड़ी नंबर टू और दो खिलाड़ी नंबर तीन है.
गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकादमी में अभ्यास कर रही थी टीम
टोक्यो में आगामी 24 अगस्त से 5 सितम्बर तक होने वाले पैरालंपिक के लिए चयनित सात सदस्यीय बैडमिंटन टीम गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकादमी में अभ्यास कर रही थी तथा टीम टोक्यो रवानगी से पूर्व भारतीय खेल प्राधिकरण के लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र में 15 अगस्त को बायो सिक्योर बबल में प्रवेश करेगी.
यह टीम यहां से 27 अगस्त को रवाना होगी. पैरालंपिक में बैडमिंटन की स्पर्धा एक से पांच सितम्बर तक होगी. भारतीय टीम में नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एलवाई के अलावा मनोज सरकार, प्रमोद भगत, तरूण ढिल्लन, कृष्णा नागर, पलक कोहली व पारूल परमार भी है.
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले एक्सीलिया स्कूल में आयोजित शुभकामना समारोह के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में इन खिलाड़ियों ने पूरे जोश से दावा किया कि हमारी कोशिश होगी कि हम भारत के लिए ज्यादा से ज्यादा पदक जीते जिसके लिए हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे. हालांकि भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों का काफी समय से पैरालंपिक खेलने का सपना था और यह सपना तब सच हुआ जब टोक्यो पैरालंपिक की समिति ने पैरा बैडमिंटन को इन खेलों मेें जगह दी.
15 अगस्त को बायो सिक्योर बबल में करेगी प्रवेश
भारतीय पैरा बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच द्रोणाचार्य अवार्डी गौरव खन्ना के अनुसार उन्हें कम से कम 5 से 6 पदकों की उम्मीद है और इनमें से कुछ स्वर्ण पदक भी हो सकते हैं. गौरव खन्ना के अनुसार भारतीय भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए लखनऊ काफी लकी रहा है और यहां एक्सीलिया स्कूल के सहयोग से बनी भारत की पहली पेशेवर पैरा बैडमिंटन अकादमी से भारतीय पैरा खिलाड़ियों को काफी फायदा मिला है. बताते चले कि भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पिछले लगभग दो साल से लखनऊ में ही चल रही है.
सात सदस्यीय टीम में वर्ल्ड रैंकिंग में दो खिलाड़ी नंबर वन, दो खिलाड़ी नंबर टू और दो खिलाड़ी नंबर तीन
इस मौके पर आनलाइन जुड़े खेल दिग्गजों ने खिलाड़ियों को सीख दी कि आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दीजिए, हमे पूरा भरोसा है कि आप पदक जीतेंगे फिर भले ही उसका रंग कैसा हो. इसी के साथ एक्सीलिया स्कूल के निदेशक आशीष पाठक ने बैडमिंटन अकादमी की शुरुआत और पैरा खिलाड़ियों से अपने जुड़ाव आदि के बारे में चर्चा की.
भारतीय टीम
कृष्णा नागर (एसएच 6): बाईस साल के राजस्थान के कृष्णा नागर एसएच 6 पुरूष एकल श्रेणी में हिस्सा लेंगे। पिछले चार साल से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित कृष्णा की बीडब्लूएफ रैंकिंग दूसरी है और वो टोक्यो पैरालंपिक में बिना किसी दबाव के खेलने को तैयार है. 2019 में हुई बीडब्लूएफ विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में रजत और कांस्य पदक के साथ कृष्णा एशियन पैरा गेम्स 2018 में कांस्य पदक विजेता रहे है.
तरूण ढिल्लन (एसएल फोर) : हरियाणा के रहने वाले तरूण की बीडब्लूएफ रैंकिंग दूसरी हैं. उन्होंने 2004 में एक दुर्घटना में दायां पैर खराब होने के बाद बैडमिंटन की शुरूआत की और फिर एशियन विजेता बन गए.
प्रमोद भगत (एसएल थ्री) : प्रमोद की बीडब्लूएफ रैंकिंग नंबर एक है. उन्हें अर्जुन अवार्ड भी मिल चुका है. प्रमोद ने बीडब्लूएफ पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में चार स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीतने के साथ कई इंटरनेशनल चैंपियनशिप में पदकों की चमक बिखेरी हैं
पलक कोहली व पारूल परमार: पलक कोहली और पारुल परमार की जोड़ी ने महिला युगल में क्वालीफाई किया. वो पैरालंपिक में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय पैरा बैडमिंटन जोड़ी है. पलक टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली सबसे कम उम्र की पैरा बैडमिंटन प्लेयर है. नकी साथी पारूल परमार दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. फिर भी दोनों बिना किसी दबाव के खेलने को तैयार है. ये जोड़ी विश्व रैंकिंग में छठे पायदान पर है.
पलक कोहली एसयू फाइव वर्ग की खिलाड़ी है जिनकी वर्ल्ड रैंकिंग 6 है जबकि एसएल थ्री वर्ग की खिलाड़ी पारूल की रैंकिंग अपने वर्ग में नंबर वन हैं इन दोनों को महिला युगल एसएल थ्री-एसयू फाइव में टिकट मिला हैं.
मनोज सरकार: पुरुष एकल एसएल थ्री वर्ग में खेलेंगे और उनकी वर्ल्ड रैंकिंग नंबर तीन है.
सुहास एलवाई: नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एलवाई भारतीय पैरा बैडमिंटन टीम में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी है. 2007 बैच के आईएएस अफसर सुहास एसएल फोर वर्ग में टोक्यो में खेलेंगे. सुहास एलवाई पिछले कई सालों से इंटरनेशनल पैरा बैडमिंटन सर्किट पर पदकों की चमक बिखेर रहे और अब उनका सपना पैरालंपिक में देश के लिए पदक जीतना है.